Azam Khan News: 23 माह बाद 23 तारीख को जेल से बाहर आए आजम खान, जानें अब आगे क्या होगा

23 महीने से जेल में बंद सपा नेता आजम खान रिहा हो गए। सीतापुर में जेल के अंदर से ही कार में बैठकर बाहर निकले। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। वह अपने पैतृक घर रामपुर जा रहे हैं। उनके साथ 100 गाड़ियों का काफिला है।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री आजम खान 23 माह के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से बाहर आ गए। इस मौके पर उनके परिवार के सभी सदस्य जेल के बाहर मौजूद थे। सपा कार्यकर्ताओं ने आजम की रिहाई पर खुशी का इजहार किया। पहले ऐसी चर्चा थी कि शिवपाल यादव सीतापुर आएंगे और आजम खान को रिसीव करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शिवपाल यादव आजम से मिलने के लिए नहीं पहुंचे। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि आजम फैमिली कभी भी बीएसपी का दामन थाम सकती है।

यूपी की सियासत में आजम खान की एक समय तूती बोला करती थी, लेकिन 2017 में सियासी बदलाव का सबसे ज्यादा सियासी असर आजम खान और उनके परिवार पर पड़ा है। योगी सरकार में आजम के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसा कि एक के बाद एक करीब 104 मुकदमे दर्ज हुए। योगी सरकार में आजम खान को पहली बार 27 महीने और दूसरी बार 23 महीने जेल में रहना पड़ा है। मई 2022 में जमानत पर रिहाई के बाद आजम खान बाहर आए थे और 17 महीने ही जेल से बाहर रह सके थे। उन्हें दोबारा 2023 में जेल जाना पड़ा था। अब 23 महीने बाद रिहाई हो रही है, तो सभी के मन में सवाल है कि कितने दिनों तक जेल से बाहर रह पाएंगे आजम खान।

दरअसल, आजम खान पर 104 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 93 मुकदमे सिर्फ रामपुर में उनके खिलाफ दर्ज किए गए। ये मामले 2017 में यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद दर्ज किए गए हैं, जब मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े मामलों की जांच शुरू हुई। यही वजह है कि आजम खान पर दर्ज रामपुर में 93 मुकदमों में 11 राजस्व के हैं, यानि जमीनों से जुड़े हैं। आजम खान पर दर्ज कुल 104 मुकदमों में से 12 मामलों में फैसला आ चुका है। कुछ मुकदमों में उन्हें सजा हुई है और कुछ में बरी हो गए हैं। इसके बाद भी आजम खान पर 80 से ज्यादा मुकदमे अभी चल रहे हैं। हालांकि, आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन बहुत दिनों तक जेल से बाहर नहीं रह सकेंगे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद आजम खान 23 महीने के बाद सीतापुर जेल से बाहर आ गए। लेकिन बहुत दिनों तक जेल से बाहर नहीं रह सकेंगे। इसकी वजह यह है कि कई मामलों के फैसले बहुत जल्द आने वाले हैं। आजम खान पर दर्ज मुकदमों में 59 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेंडिंग हैं, तो 19 मामले सेशन कोर्ट में पेंडिंग हैं। इसके अलावा तीन मामले जिला अदालत में हैं। 26 फरवरी 2020 को आजम खान पहली बार रामपुर में गिरफ्तार हुए, जिसके बाद उन्हें 27 महीने बाद जमानत पर रिहाई मिली। सवा साल जेल से बाहर रहने के बाद दोबारा अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सात साल की सजा होने के बाद 18 अक्टूबर 2023 को जेल जाना पड़ा। इस मामले में पहले जमानत पर तंजीम फातिमा और फिर अब्दुल्ला आजम को जेल से रिहाई मिली थी।

आजम खान पर ’क्वालिटी बार’ की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है, जिसमें हाल ही में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है। आजम खान के खिलाफ दस्तावेजों में हेराफेरी, लूटपाट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। आजम के ऊपर भैंस चोरी और बकरी चुराने तक के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करने के कई तरह के आरोप हैं। आजम खान पर जो पेंडिंग मामले हैं, उनमें से कई मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, जिसके बाद फैसला जल्द आ सकता है। सरकारी दस्तावेज में हेराफेरी के एक मामले, जिसमें उन्हें अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में सात साल की सजा हो रखी है। पैनकार्ड और पासपोर्ट मामले में कोर्ट से बहुत जल्द फैसला आ सकता है, जिसमें अगर उन्हें सजा होती है तो फिर से जेल जाना पड़ सकता है।

आजम खान को सबसे बड़ा झटका उस समय लगा था, जब 2022 में भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते आजम की विधायकी चली गई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी और वर्तमान में मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह समेत तमाम अधिकारियों के लिए आजम खान ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी के बाद आजम खान पर मुकदमे दर्ज होने का सिलसिला शुरू हुआ। जानकार बताते हैं कि कोर्ट में चल रहे केसों में कई पर जल्द जज्मेंट आ सकते हैं। अगर आजम खान को सजा होती है तो उन्हें फिर से सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। वहीं आजम की रिहाई के बाद रामपुर में जश्न का माहौल है। सपा कार्यकर्ता आजम की रिहाई पर मिठाई भी बांट रहे हैं।

 

Exit mobile version