Kanpur Police Brutality: कानपुर के काकादेव थाने में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि थाने के अंदर कैंसर पीड़ित एसबीआई फील्ड अफसर रिंकू सिंह को दरोगा ने बेरहमी से पीटा और उनके प्राइवेट पार्ट पर लात मार दी। पीड़ित का आरोप है कि उन्होंने अपने मौसेरे भाई के धर्मांतरण का विरोध किया, जिसके बाद उन्हें पुलिस की मिलीभगत से थाने बुलाकर बच्चों के सामने पीटा गया। रिंकू की हालत बिगड़ने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेताओं ने थाने में धरना दिया। एसीपी स्वरूप नगर ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
धर्मांतरण के विरोध पर झेला पुलिसिया अत्याचार
शास्त्री नगर निवासी जय सिंह उर्फ रिंकू एसबीआई में फील्ड अफसर हैं और पेल्विक कैंसर से पीड़ित हैं। उनके दो बेटे, जिनमें एक बोन मैरो कैंसर से जूझ रहा है, परिवार की पहले से ही कठिन स्थिति को दर्शाते हैं। रिंकू ने बताया कि उनका मौसेरा भाई अवनीश सिंह ईसाई धर्म अपना चुका है और लगातार रिंकू पर धर्मांतरण का दबाव बना रहा था। गुरुवार को रिंकू लखनऊ बेटे का इलाज कराने जा रहे थे, तभी अवनीश ने भाई अनूप के साथ मिलकर उन्हें पीटा।
पुलिस पर साठगांठ का आरोप, थाने में बर्बरता
मामले की शिकायत काकादेव थाने में करने पर चौकी प्रभारी सचिन भाटी मौके पर पहुंचे लेकिन उन्होंने पीड़ित की जगह आरोपी पक्ष का समर्थन किया। दोनों पक्षों को थाने लाया गया, जहां रिंकू के अनुसार, उनके विरोध जताने पर उन्हें बच्चों के सामने पीटा गया। सिर दीवार से टकराया गया और प्राइवेट पार्ट में लात मारकर गिरा दिया गया। उन्हें हवालात में बंद भी कर दिया गया।
धरना, अस्पताल में भर्ती और जांच की शुरुआत
इस अमानवीय घटना की जानकारी मिलने पर Kanpur बीजेपी मंडल अध्यक्ष नवीन भाटिया और पूर्व पार्षद राघवेंद्र मिश्रा समेत कई लोग थाने पहुंचे और विरोध स्वरूप धरना दिया। एसीपी स्वरूप नगर आईपी सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ित की बात सुनते वक्त उसकी हालत बिगड़ गई। उन्हें सर्वोदय नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस का पक्ष और जांच का वादा
Kanpur थाना प्रभारी मनोज सिंह ने थाने में मारपीट के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। हालांकि, पीड़ित की मां उर्मिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। एसीपी ने दरोगा पर लगे आरोपों और धर्मांतरण के दबाव की जांच कराने का आश्वासन दिया है।