लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजनीति में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। राजघराने से ताल्लुक रखने वाले राजा भैया ने आज तक जो भी चुनाव लड़े उनमें जीत ही हासिल की। राजा भैया को यूपी की सियासत का किंगमेकर कहा जाता है। यही वजह रही कि मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की सरकार के दौरान भदरी घराने के राजकुमार को मंत्रिमंडल में जगह दी गई। सिर्फ एक वक्त ऐसा आया, जब सूबे की कमान मायावती के हाथों में आई और राजा भैया को मंत्री पद नहीं मिला। हां बीएसपी चीफ ने उन्हें सलाखों के पीछे जरूर पहुंचा दिया। दूसरा मौका 2017 में तब आया जब योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुखिया बने और कुंडा विधायक को मंत्री की कुर्सी नहीं मिली। बावजूद राजा भैया खुलकर बीजेपी के साथ रहे। राज्यसभा चुनाव में मदद की। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी योगी जी के खेवनहार बने।
अब यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से ठीक पहले कुंडा के राजा फिर चर्चाओं में हैं। भदरी घराने के राजकुमार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि राजा भैया और अखिलेश यादव एक हो गए हैं। दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन राजा भैया ने इनसभी बातों पर फुल विराम लगा दी। राजा भैया ने ऐलान किया है कि वह पंचायत और विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे। राजा भैया ने दावा किया है कि उनका दल यूपी की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। राजा भैया का एक ताजा बयान फिर सामने आया है। वह श्रावण मास के अवसर पर उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा महाकाल के चांदी द्वार से दर्शन किए। दर्शन के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए न सिर्फ सनातन धर्म, जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों पर खुलकर अपनी बात रखी, बल्कि हिंदू समाज को जागरूक होने का भी आह्वान किया। साथ ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भी बड़ी बात कही।
राजा भैया ने कहा कि सनातन धर्म पर आज भी हमले हो रहे हैं और धर्मांतरण की गतिविधियां समाज को तोड़ने का कार्य कर रही हैं। राजा भैया ने संतों और सजग नागरिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सभी लोग समाज को जाग्रत करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म को बचाने के लिए अब सिर्फ साधु-संतों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं, हर हिंदू अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को सामान्य शिक्षा के साथ-साथ धर्म और संस्कारों का भी ज्ञान जरूर दें। राजा भैया ने जातिवाद को सनातन धर्म के लिए सबसे बड़ी बाधा बताया और कहा कि इस जहर को मिलकर समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने बागेश्वरधाम के पीठीधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सराहना की और कहा कि वे पूरे देश में घूम-घूम कर हिंदू समाज को जागरूक कर रहे हैं। समय के साथ धर्म में आई कुरीतियों को दूर करने की प्रेरणा दे रहे हैं।
राजा भैया ने कहा कि भारत के खिलाफ षड्यंत्र हजारों वर्षों से हो रहे हैं। कभी धर्म के नाम पर, कभी आक्रमणों के माध्यम से हमारे मंदिर तोड़े गए, लोगों की हत्याएं हुईं और हमें अपने ही देश में पीड़ा दी गई। अब समय आ गया है कि जब हम मंदिर में भगवान से केवल अपने परिवार या स्वार्थ के लिए प्रार्थना न करें, बल्कि धर्म, राष्ट्र और समाज को सशक्त बनाने की भावना से भी ईश्वर से प्रार्थना करें। राजा भैया ने कहा कि बीते 11 सालों में देश में परिवर्तन दिख रहा है। अब युवा भी आगे आ रहे हैं। हमें सनातन को मिलकर दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी सनातन को लेकर अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुछ लोग हैं जो हिन्दुओं को जातियों मे बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से हमें सतर्क रहना होगा। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के चलते अब गोरे भी श्रीराम का जप कर रहे हैं। हिन्दू भी इकजुट हो रहे हैं। हमसभी को एक होना होगा।