Kanpur News: दिवाली के अगले दिन भाई दूज पर एक बहन अपने बच्चों के साथ भाइयों का तिलक करने गांव पहुंची तो उसे एक चौंकाने वाली खबर मिली। वह जिन भाइयों के माथे पर टीका लगाने आई थी, वही भाई उस पर ही अपहरण का आरोप लगाकर जेल में बंद थे। राखी नामक इस महिला के पति ने उसके और बच्चों के गायब होने का आरोप उसकी मां, पिता, भाई और अन्य रिश्तेदारों पर लगाया था। पुलिस ने कई बार जांच के बाद राखी को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन 17 महीनों तक उसका कोई सुराग नहीं मिला। अब राखी के अचानक लौटने के बाद Kanpur पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर उसका अपहरण नहीं हुआ तो उसके निर्दोष भाइयों को क्यों सजा भुगतनी पड़ी।
गुमशुदगी और जेल में बंद हुए भाई
Kanpur के शिवराजपुर निवासी श्याम नारायण अग्निहोत्री की पत्नी राखी और उनके तीन बच्चे अचानक मई 2023 में घर से लापता हो गए थे। श्याम ने राखी और बच्चों के गायब होने का आरोप राखी के परिवार पर लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन राखी और उसके बच्चों का कोई पता नहीं चला, जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। फिर श्याम नारायण ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामले की दोबारा जांच शुरू की। इस बार राखी के भाइयों राजू दुबे और अशोक को पुलिस ने अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि राखी के माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों पर भी गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा था, जिससे वे फरार हैं।
राखी का अचानक पुलिस की कार्रवाई
भाई दूज के अवसर पर रविवार को राखी अपने तीनों बच्चों के साथ अचानक अपने मायके पहुंची और भाइयों का तिलक करने की तैयारी की। जैसे ही Kanpur शिवराजपुर पुलिस को इसकी जानकारी मिली, वे तुरंत राखी और उसके बच्चों को थाने ले आए। पुलिस के अनुसार राखी ने बताया कि वह अपने पति के दुर्व्यवहार से तंग आकर बच्चों को लेकर बिना किसी को बताए चली गई थी और अब तक एक मील में नौकरी कर रही थी। वहीं एडीसीपी बृजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि अदालत के आदेश पर महिला और बच्चों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राखी का अपहरण नहीं, फिर क्यों जेल में भाई?
राखी के इस तरह लौटने से कई सवाल उठ रहे हैं। अगर उसका अपहरण हुआ ही नहीं था तो फिर उसके भाइयों को सजा क्यों भुगतनी पड़ी? कानपुर पुलिस पिछले 17 महीनों में उसे क्यों नहीं ढूंढ सकी और डीजीपी मुख्यालय तक जांच क्यों पहुंची? पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि राखी को ढूंढने में नाकामयाब रहने पर एक दरोगा को सस्पेंड किया गया और दो का ट्रांसफर कर दिया गया। राखी की वापसी के बाद अब कानूनी प्रक्रिया में उसका बयान लिया जाएगा ताकि आगे का रास्ता साफ हो सके।
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न्याय की उम्मीद में राखी के भाई
राखी के भाइयों की गिरफ्तारी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि उन्हें क्यों जेल भेजा गया जबकि अपहरण की घटना हुई ही नहीं। अगर राखी के भाइयों को निर्दोष साबित कर रिहाई मिलती है, तो पिछले 3 महीनों में उन्हें भुगती गई सजा का हिसाब कौन देगा? Kanpur पुलिस की ओर से इस मामले में देरी से जांच और लापरवाही का आरोप पहले से ही लग रहा है। अब सबकी निगाहें पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं, जो इस उलझे हुए मामले को हल करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।