Mukhtar Ansari: मौत की न्यायिक जांच के आदेश, अब सामने आएगा मौत का सच?

CJM गरिमा सिंह करेंगी मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच, 1 महीने में सबमिट करनी है रिपोर्ट

Mukhtar Ansari

Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत की एक न्यायिक जांच की अनुमति दी है। बांदा की CJM गरिमा सिंह न्यायिक जांच करेगी। जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर सबमिट करनी चाहिए। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी गुरुवार को मर गया था। उसे हार्ट अटैक के बाद मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बांदा मेडिकल कॉलेज आधिकारिक बयान में बताया की मुख्तार अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है।

बांदा मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट 

बांदा मेडिकल कॉलेज की आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को कार्डियक अरेस्ट से मर गया था। हालाँकि, मुख्तार अंसारी के परिजनों का दावा है कि उसे जेल में स्लो प्वाइजन दिया जा रहा था। मुख्तार अंसारी ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। जिसमें जेल प्रशासन पर कई आरोप लगाए गए।

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क्या कहा था अपने आखिरी पत्र में 

मुख्तार अंसारी ने अपनी प्रार्थना में कहा कि 19 मार्च को साहब को भोजन में कुछ विषाक्त पदार्थ दिए गए थे। जिससे मेरी तबियत खराब हो गई। मेरा दम निकल जाएगा लगता है। घबराहट है। पहले मैं स्वस्थ था। कृपया डॉक्टरों की एक टीम बनाकर मेरी मदद करें। 40 दिन पहले भी मैंने विषाक्त खाना खाया था। जो कर्मचारियों को चखकर दे दिया था। कर्मचारियों की तबियत खराब हो गई।

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किन पर लगाए थे अपनी हत्या के आरोप?

मुख्तार अंसारी ने मौत से पहले मऊ जिले के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखकर अपनी हत्या की साज़िश करने का आरोप लगाया था. इस केस में मुख़्तार अंसारी ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, भाजपा समर्थित एमएलसी बृजेश सिंह, भाजपा विधायक सुशिल सिंह, पूर्व आईजी एसटीएफ अमिताभ यश समेत तत्कालीन प्रदेश मुख्य सचिव के नामो को सम्मिलित किया था.

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