Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन चालकों की मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा कमेटी ने चिंता जाहिर की है। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने लखनऊ में सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की और सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
नो हेल्मेट, नो एंट्री,नो अटेंडेंस
इस बैठक में एक नया और दिलचस्प सुझाव दिया गया। अब बिना हेल्मेट दफ्तर आने वालों और स्कूल जाने वाले बच्चों को अनुपस्थित माना जाए। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी या छात्र ने हेल्मेट नहीं पहना है, तो उन्हें काम पर या स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी। इसके अलावा, चार साल से बड़े बच्चों के लिए भी हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा। कमेटी ने इसे सख्ती से लागू करने की सिफारिश की है।
सड़क सुरक्षा को लेकर कड़े कदम
कमेटी ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण (जैसे स्पीड कैमरे और सीसीटीवी) लगाना जरूरी है। खासकर एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर जिन जगहों पर हादसे ज्यादा होते हैं, वहां इन उपकरणों की मदद से सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
बैठक में उठाए गए और सुझाव
अपर पुलिस महानिदेशक के. सत्यनारायण ने हर जिले में यातायात थाने बनाने का सुझाव दिया, ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके। वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन योजनाओं के पोर्टल को एक साथ जोड़ने की बात की। जस्टिस सप्रे ने इन सभी सुझावों को जल्द से जल्द लागू करने की बात कही।
सड़क हादसों में होने वाली मौतें
बैठक में बताया गया कि पिछले एक साल में सड़क हादसों में 31% मौतें दुपहिया वाहन चालकों की हुई हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इसे कम करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने की पहल
बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठे बच्चों को भी हेल्मेट पहनने के लिए प्रेरित किया जाए। अगर कोई बच्चा चार साल से ऊपर है और हेल्मेट नहीं पहनता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इन सभी कदमों से उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और हादसों में होने वाली मौतों की संख्या घटेगी।