Ghazipur platform collapsed: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर रेलवे स्टेशन की दुर्दशा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर लगा ग्रेनाइट जगह-जगह से टूट चुका है और जमीन धंसने लगी है। यात्रियों को चलने में दिक्कत हो रही है। जब इस संबंध में शिकायत हुई तो गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी खुद निरीक्षण के लिए पहुंचे। उन्होंने जब अधिकारियों से कारण पूछा तो जवाब मिला कि ‘साहब, प्लेटफॉर्म को चूहों ने कुतर दिया है’। यह सुनकर सांसद ही नहीं, आम लोग भी हैरान रह गए। सांसद ने इसे सीधे-सीधे निर्माण में भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए जांच की मांग की।
प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही खुली पोल
सांसद अफजाल अंसारी दिल्ली से लौटकर जैसे ही गाजीपुर स्टेशन पर उतरे, उनकी नजर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पड़ी। यहां की जमीन कई जगह से धंसी हुई थी और ग्रेनाइट बिखरा पड़ा था। यात्री चलने में लड़खड़ा रहे थे। सांसद ने फौरन अधिकारियों से जवाब-तलब किया। जब प्लेटफॉर्म के खराब होने का कारण पूछा गया, तो रेलवे अधिकारियों ने इसे चूहों की कारस्तानी बता दिया। यह जवाब न केवल हैरान करने वाला था, बल्कि गंभीर लापरवाही और लज्जाजनक जवाबदेही का उदाहरण भी बना।
निर्माण कार्य में गड़बड़ी का आरोप
इस पूरे मामले की गूंज बनारस में रेलवे सलाहकार बोर्ड की बैठक तक पहुंची, जिसमें पूर्वांचल के करीब 32 सांसद मौजूद थे। गाजीपुर सांसद ने बैठक में Ghazipur रेलवे स्टेशन पर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बैठक में मौजूद रेलवे महाप्रबंधक और डीआरएम ने तुरंत एडीआरएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई और उसे अगले दिन गाजीपुर भेजा गया। जांच के दौरान भी चूहों का ही हवाला देकर अधिकारियों ने खुद को बचाने की कोशिश की।
चूहों का इलाज क्या? कोई जवाब नहीं
सांसद ने अधिकारियों से यह भी पूछा कि अगर चूहे ही प्लेटफॉर्म कुतर रहे हैं, तो रेलवे ने उन्हें रोकने के लिए क्या उपाय किए? लेकिन अधिकारियों के पास इसका कोई जवाब नहीं था। अफजाल अंसारी ने इसे भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्लेटफॉर्म के ग्रेनाइट भूकंपरोधी हैं और 100 साल तक टिकने की क्षमता रखते हैं, तो फिर चूहों से इतना बड़ा नुकसान कैसे हो गया?
गेस्ट हाउस भी बना सवालों के घेरे में
Ghazipur रेलवे स्टेशन पर ही एक करोड़ों की लागत से गेस्ट हाउस भी बनाया गया है, जिसका उद्घाटन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा चार महीने पहले कर चुके हैं। लेकिन जब निरीक्षण के दौरान सांसद वहां पहुंचे तो Ghazipur गेस्ट हाउस पर ताला लटका मिला। पूछताछ में पता चला कि इसे अब तक कार्यदायी संस्था ने रेलवे को हैंडओवर ही नहीं किया है। इससे साफ है कि निर्माण कार्यों में सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि भारी अनियमितताएं भी शामिल हैं।