लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। नवंबर 2024 में प्रचंड गर्मी और जनवरी आते-आते गजब की सर्दी से लोग सहम गए। अब अप्रैल 2025 में फिर से मौसम ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। आंधी, बारिश के साथ ही आकाशीय बिजली कहर ढाए हुए है। मेघगर्जन से लोग सहमे हुए हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं तो वहीं अब तक दो सौ से ज्यादा लोग वज्रपात के चलते अपनी जान गवां चुके हैं। ऐसे में मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को भी बारिश, आंधी और वज्रपात से लोगों को सामना करना पड़ सकता हैं। ऐसे में पेड़ों के नीचे नहीं रूकें। घर पर रहें।
इस वजह से आंधी, बारिश और वज्रपात
उत्तर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर-पश्चिम झारखंड एवं उत्तर बांग्लादेश और आसपास के इलाकों पर ऊपरी और निचले क्षोभमंडल स्तर पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। दक्षिण हरियाणा और आसपास के क्षेत्र से उत्तर बांग्लादेश तक एक ट्रफ रेखा भी बनी हुई है। मौसम संबंधी इन प्रणालियों के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल और पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों के साथ 20 राज्यों में रविवार को आंधी-तूफान, भारी बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि की संभावना है। सीएसए कानपुर के मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले पांच दिन तक बादलों की आवाजाही रहेगी। रविवार को स्थानीय स्तर पर अंधड़ चल सकता है। गरज-चमक के साथ बादल आ सकते हैं।
इन जिलों के लिए जारी हुआ अर्लट
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 20 अप्रैल को यूपी के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, रामपुर, पीलीभीत, बुलन्दशहर, संभल, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, फरुखाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, गोंडा, संत कबीर नगर, कुशीनगर, बस्ती, ओरैया, उन्नाव, लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, आजमगढ़, देवरिया, मऊ, बलिया, चंदौली और मिर्जापुर में मौसम के त्रिपल अटैक का सामना लोगों को करना पड़ सकता है। विभाग के अनुसार, इन दिनों कई क्षेत्रों में झोंकेदार हवाएं भी चल सकती हैं जिनकी गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
यहां गिर सकती है आकाशीय बिजली
मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी के कुछ जिलों में सिर्फ बारिश ही नहीं बल्कि आकाशीय बिजली (वज्रपात) और तेज गर्जना (मेघगर्जन) का भी खतरा बना हुआ है। इन जिलों में आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर शामिल हैं। यहां हवाओं की गति 30 से 40 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है जिससे दृश्यता कम हो सकती है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, ऐसे में लोग घरों पर रहें। पेड़ों के नीचे न खड़े हों। वाहन सड़क पर न चलाएं।
क्यों गिरती है आकाशीय बिजली
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया बादल का ऊपर वाला भाग धनात्मक (प्लस) ऊर्जा उत्पन्न करता है, जबकि बादल का निचला भाग ऋणात्मक (माइनस) ऊर्जा उत्पन्न करता है। जब यह दोनों हिस्से आपस में टकराते हैं, जो इनसे इलेक्ट्रिक चार्ज निकलता है, जिससे एक स्पार्क होता है, जिसे में आसमानी बिजली कहते हैं। मौसम वैज्ञानिक बताते हैं, बादलों में जैसे-जैसे विद्युत आवेश बनता है, आयनित वायु अणुओं का एक चैनल भी इसके साथ ही बनता है। इसे लीडर स्ट्रोक भी कहते हैं। जब लीडर स्ट्रोक ज़मीन पर पहुंचता है, तो स्ट्रोक बिजली के लिए एक एक रास्ता बनाता है। इसे रिटर्न स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है। इस स्ट्रोक को हम बिजली के रूप में देखते हैं। रिटर्न स्ट्रोक 50 हज़ार डिग्री सेल्सियस के तापमान तक पहुंच सकता है, जो सूर्य की सतह से पांच गुना ज़्यादा गर्म होता है।
ऐसे खुद को बचाएं
ऐसे में हम आपको वज्रपात से बचने के उपाय बताते हैं। देश के साथ-साथ राज्य सरकार का मौसम विभाग भी बारिश के समय नागरिकों के लिए अलर्ट जारी करता है। इसके अलावा आप मौसम से जुड़ी खबरें भी देख सकते हैं। मौसम विभाग द्वारा दिए जाने वाले पूर्वानुमान और चेतावनियों पर सभी को नज़र रखनी चाहिए। अलर्ट मिलने के बाद भी अगर आपको बारिश के दौरान घर से निकलना पड़ता है, और आप बारिश में फंस जाते हैं और आपको बादलों की गरज, चमक और बिजली दिखाई देती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस दौरान आपको तुरंत ही एक सुरक्षित आश्रय तलाशना है और उसके नीचे खड़े हो जाना है। जब आप सुरक्षित स्थान की तलाश में हों, तो धातु की बाड़, बिजली के पोल जैसी कुछ विद्युत प्रवाहकीय वस्तुओं से बचना चाहिए। साथ ही, अगर आपके पास मोबाइल फोन है, तो उसे बंद कर दें। क्योंकि मोबाइल फोन से निकलने वाली विद्युत तरंगें बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं और आपको झटका लगने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या है मेघगर्जन
मेघगर्जन को लेकर वैज्ञानिकों ने कई दावे किए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, बादलों में नमी होती है। यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक कणों के रूप में होती है। हवा और जलकणों के बीच घर्षण होता है। घर्षण से बिजली पैदा होती है और जलकण आवेशित हो जाते हैं यानि चार्ज हो जाते हैं। बादलों के कुछ समूह धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। इस चमक के उत्पन्न होने के बाद हमें बादलों की गरज भी सुनाई देती है और इसे ही मेघगर्जन भी कहा जाता है।