Rampur News: आजम खान को नहीं मिली राहत.. टली सुनवाई, अब करना होगा इतने दिनों का इंतजार

आजम खान की रिवीजन याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई, एमपी-एमएलए कोर्ट में अब 23 को होगी सुनवाई आजम खान के खिलाफ किसानों ने 27 मुकदमे अलग-अलग कराए थे दर्ज, वकीलों की हड़ताल और बार एसोसिशन के नामांकन के कारण सुनवाई टली मोहम्मद आजम खान मोहम्मद आजम खान (Etv Bharat) author img By ETV Bharat Uttar Pradesh Team Published : 8 minutes ago 2 Min Read रामपुरः समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के 27 मामलों की एक साथ सुनवाई की अपील पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण अब इस मामले में कोर्ट ने 23 दिसंबर की तारीख नियत की है. निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका पर एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन जबरन मिलाने से जुड़े 27 मुकदमो को एक साथ सुनने से निचली अदालत ने मना कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ आज़म खान ने एमपी एमएल ए सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल किया है. आजम खान ने कोर्ट से अपील की है उनके 27 मुकदमे जो दर्ज हुए हैं, वे एक जैसे हैं, इसलिये इनकी सुनवाई एक साथ की जाए. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी हमेशा विवादों में रहती है. जौहर यूनिवर्सिटी बनाने में आज़म खान को काफी जमीनों की जरूरत थी. आरोप है कि कुछ किसानों की जमीनों को जबरन आजम खान ने यूनिवर्सिटी में मिला लिया था. इसको लेकर किसानों ने आजम खान के विरुद्ध अलग-अलग लोगों ने 27 मुकदमे दर्ज कराये थे, जो कोर्ट में विचाराधीन है. आजम खान ने इन्हे मुकदमों के एक साथ सुनवाई करने की अपील की थी. इस अपील को निचली अदालत ने खारिज कर दि तो अब आजम खान ने एमपी एमएलए सेशन कोर्ट में अपनी रिवीजन फाइल किया है. इस अपील पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं हड़ताल होने की नहीं नहीं हो सकी. एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने बताया कि हड़ताल और बार एसोसिएशन के नामांकन की वजह से कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले में अगली तारीख 23 दिसंबर है.

Azam Khan

Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के मंझे हुए नेता आजम खान की रिवीजन याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। यह याचिका उनके खिलाफ किसानों द्वारा दायर किए गए 27 मुकदमों को एक साथ सुनने की अपील पर आधारित थी। कोर्ट में सुनवाई की तारीख अब 23 दिसंबर को तय की गई है। इस मामले में निचली अदालत ने किसानों द्वारा दायर किए गए इन मुकदमों को एक साथ सुनने की आजम खान की अपील खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ आजम खान ने एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की थी।

बता दें कि आजम खान के खिलाफ यह मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के दौरान किसानों की जमीन को जबरन मिलाने के आरोपों पर आधारित हैं। किसानों ने आजम खान के खिलाफ अलग-अलग 27 मामले दर्ज कराए थे। हालांकि, Azam Khan ने अदालत से अपील की थी कि ये सभी मामले एक साथ सुनें जाएं, क्योंकि इन सभी में समान आरोप हैं। लेकिन निचली अदालत ने इस अपील को खारिज कर दिया था, जिसके बाद आजम खान ने रिवीजन याचिका दायर की थी।

इस याचिका पर बुधवार को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल और बार एसोसिएशन के चुनाव नामांकन की वजह से सुनवाई टल गई। एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि इन कारणों के चलते कोर्ट में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी, जब कोर्ट इस रिवीजन याचिका पर अपना निर्णय सुनाएगा।

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जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण को लेकर Azam Khan हमेशा विवादों में रहे हैं। आरोप है कि यूनिवर्सिटी के लिए जमीन हासिल करने में उन्होंने किसानों की जमीनों को बिना उनकी सहमति के अधिग्रहित किया। इन आरोपों को लेकर कई किसानों ने अलग-अलग मुकदमे दायर किए थे, जो अभी तक कोर्ट में लंबित हैं। अब देखना यह है कि एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट इस याचिका पर क्या निर्णय देता है और क्या आजम खान को इन सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई का अवसर मिलेगा या नहीं।

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