SP poster war: उत्तर प्रदेश की सियासत में उपचुनाव से पहले पोस्टर युद्ध ने जोर पकड़ लिया है। 13 नवंबर को 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले इन चुनावों से पहले लखनऊ में सपा द्वारा लगाए गए नए पोस्टर ने हलचल मचा दी है। इस नए पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए लिखा गया है, “मठाधीश बाटेंगे और काटेंगे, PDA जोड़ेगी और जीतेगी।” इस तरह सपा ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर सीधा हमला बोला है। पोस्टर में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर है, जिसे पार्टी नेता अमित चौबे ने लगवाया, जो महराजगंज की फरेंदा विधानसभा सीट से उम्मीदवारी के दावेदार हैं।
SP का तीखा वार
लखनऊ स्थित सपा कार्यालय के बाहर इस पोस्टर के लगने से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। सपा द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले बयान पर निशाना साधा गया है। मुख्यमंत्री योगी ने अपने भाषणों में अक्सर हिंदू समुदाय को एकजुट रहने का संदेश दिया है। हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर योगी ने नारा दिया था, “बंटेंगे तो कटेंगे, एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।” इसी पर सपा ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने पोस्टर में कहा, “मठाधीश बाटेंगे और काटेंगे, PDA जोड़ेगी और जीतेगी।”
इस पोस्टर के पीछे सपा का उद्देश्य बीजेपी की नीतियों और सीएम योगी की हिंदुत्ववादी राजनीति पर हमला करना है। सपा नेता अमित चौबे ने इस पोस्टर को लगवाया, जो अपनी प्रखर राजनीतिक शैली और मुखरता के लिए जाने जाते हैं।
बीजेपी का पलटवार
SP के इस पोस्टर वार पर बीजेपी भी चुप नहीं रही। पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा, “सपा पूरी तरह कंफ्यूज हो गई है। नए नारे और पोस्टर से चुनावी नैया पार नहीं हो सकती। एमवाई (MY) और पीडीए (PDA) जैसे नारे और समीकरण फेल हो गए हैं। सपा सभी सीटों पर पराजित होगी।”
बीजेपी का मानना है कि सपा के इन नारों में दम नहीं है और वे जनता का ध्यान खींचने में असफल रहेंगे। ऐसे समय में, जब हर सीट का महत्व बढ़ गया है, सपा और बीजेपी दोनों ही अपने-अपने समर्थकों को साधने में जुटी हुई हैं।
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राजनीतिक संदेश की लड़ाई
SP और बीजेपी के बीच यह पोस्टर युद्ध न केवल एक सियासी जंग है, बल्कि आगामी उपचुनाव में दोनों पार्टियों की रणनीतियों का भी परिचायक है। सपा का यह संदेश साफ है कि वह पीडीए के सहारे एकजुटता की राजनीति पर जोर दे रही है, जबकि बीजेपी अपनी परंपरागत हिंदुत्ववादी नीतियों के साथ मैदान में उतर रही है।