UP Pension: उत्तर प्रदेश सरकार ने निराश्रित महिलाओं को पेंशन देने की प्रक्रिया को और तेज़ कर दिया है। अब महिला कल्याण विभाग की ओर से पति की मृत्यु के बाद पेंशन के लिए आवेदन करने वाली निराश्रित महिलाओं को सिर्फ 3 महीने के अंदर ही उनकी पेंशन राशि उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेज दी जाएगी। इससे पहले यह प्रक्रिया 4 महीने की थी, जिसे अब घटाकर 3 महीने कर दिया गया है। साथ ही, आवेदन के बाद महिलाओं को एसएमएस के माध्यम से यह सूचना भी मिलेगी कि उनका फॉर्म स्वीकार किया गया है या नहीं। फिलहाल, निराश्रित महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की पेंशन दी जा रही है और इस योजना का लाभ 35.30 लाख महिलाओं को मिल रहा है। इस नई व्यवस्था से महिलाओं को आर्थिक मदद समय पर मिल सकेगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
UP सरकार की महिला कल्याण विभाग द्वारा निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन वितरण प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब पेंशन का भुगतान आवेदन के तीन महीने के भीतर आधार से लिंक बैंक खाते में सीधे किया जाएगा। निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर ने बताया कि आवेदन फार्म की जांच और पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया अब तेज़ कर दी गई है ताकि महिलाओं को समय पर आर्थिक सहायता मिल सके।
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इस प्रक्रिया में ऑनलाइन भरे गए आवेदन फॉर्म की जांच ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल, निकाय कर्मी एवं अन्य विभाग के कर्मी 30 दिनों के अंदर करेंगे। इसके बाद खंड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी या नगर मजिस्ट्रेट अगले 15 दिनों में फॉर्म की जांच कर इसे आगे भेजेंगे। फिर जिला स्तर पर स्वीकृति समिति द्वारा 15 दिनों के भीतर अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। इसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी की मदद से एनआईसी द्वारा डिजिटल सत्यापन पूरा कर एक महीने के भीतर पेंशन राशि बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
यह योजना उन निराश्रित महिलाओं के लिए है जो UP की मूल निवासी हों और जिनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक न हो। यह कदम महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। पेंशन राशि अभी तक प्रति माह 1000 रुपये निर्धारित की गई है और इस योजना के तहत कुल 35.30 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है।
UP सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आवेदन की स्थिति के बारे में महिलाओं को एसएमएस के माध्यम से समय-समय पर सूचित किया जाएगा, जिससे उन्हें प्रक्रिया की पारदर्शिता का भरोसा मिलेगा। इस सुधार के साथ निराश्रित महिलाओं को मिलने वाली सहायता अधिक प्रभावी और समयबद्ध हो जाएगी, जिससे उनकी जीवन-शैली में सुधार संभव होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को राहत मिलेगी और उन्हें सामाजिक सुरक्षा का बेहतर अनुभव होगा।