U P में आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी, अब मिलेगा सम्मानजनक वेतन, बेहतर सुविधाएं और आरक्षण का लाभ

योगी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय 16,000 से 20,000 रुपये करने, आरक्षण देने और सीधा वेतन खाते में जमा करने का फैसला लिया है। इससे उन्हें सम्मानजनक वेतन और सामाजिक सुरक्षा दोनों मिलेंगी।

Uttar Pradesh Cabinet Decision: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया। अब उन्हें हर महीने 16,000 से 20,000 रुपये तक मानदेय दिया जाएगा। कैबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया कि कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार होगा और उनकी नियुक्तियों में आरक्षण भी बढ़ाया जाएगा।

निगम के माध्यम से होगी नियुक्ति

राज्य सरकार के अनुसार, विभिन्न विभागों और संस्थानों में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रबंधन उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम के जरिए किया जाएगा। यह निगम कंपनी अधिनियम 2013 के अनुच्छेद 8 के तहत गठित एक गैर-लाभकारी, सार्वजनिक कंपनी है। निगम अब सरकारी ई-मार्केटप्लेस (Gem पोर्टल) के माध्यम से सेवा प्रदाताओं का चयन करेगा, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे।

मानदेय और नियुक्ति की अवधि

नए नियमों के अनुसार, कर्मचारियों को हर महीने 26 दिन काम करना होगा और उनका मानदेय महीने की पहली से पाँच तारीख के बीच सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगा। उनकी नियुक्ति अवधि तीन साल की होगी। इससे पहले, मानदेय सेवा प्रदाता को दिया जाता था, जिसकी वजह से कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिल पाता था। अब इस समस्या का समाधान हो गया है।

मृत्यु पर सहायता राशि

कैबिनेट के फैसले में यह भी प्रावधान किया गया है कि सेवा के दौरान यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके अंतिम संस्कार के लिए सरकार की ओर से 15,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

आरक्षण का लाभ

मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में अब आरक्षण लागू होगा। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित और महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। इससे सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा और सभी वर्गों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

सरकार का उद्देश्य

योगी सरकार का कहना है कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन, बेहतर सेवा शर्तें और आरक्षण का लाभ देना है। अब कर्मचारी बिना किसी कटौती के सीधा वेतन पा सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कामकाज में भी सुधार देखने को मिलेगा।

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