Uttar Pradesh: 27,000 सरकारी स्कूल बंद करने की तैयारी? विपक्ष का तीखा विरोध, सरकार ने क्या कहा

उत्तर प्रदेश में 50 से कम छात्रों वाले 27,000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है। मायावती, प्रियंका गांधी, और अरविंद केजरीवाल ने इसे गरीब और वंचित तबके के खिलाफ बताया है। वहीं, शिक्षा विभाग ने कहा कि फिलहाल कोई स्कूल बंद नहीं होगा।

Uttar Pradesh government school closed: उत्तर प्रदेश में 27,000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर उन्हें अन्य स्कूलों में विलय करने की चर्चाओं ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। ये स्कूल वे हैं जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य शिक्षा को और प्रभावी बनाना बताया जा रहा है। हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे गरीबों और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ बताया है। दूसरी ओर, Uttar Pradesh शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि फिलहाल कोई स्कूल बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया 

मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करना शिक्षा के क्षेत्र में गरीब और वंचित वर्गों को और पीछे धकेल देगा। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में सुधार के प्रयास करने के बजाय उन्हें बंद करना अनुचित है। मायावती ने जोर दिया कि सरकार को शिक्षा में सुधार के लिए धन और संसाधन लगाने की जरूरत है।

प्रियंका गांधी ने भी सरकार के इस प्रस्ताव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 27,764 स्कूलों का बंद होना शिक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर खतरा है। यह कदम विशेष रूप से दलित, पिछड़े और गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा। प्रियंका ने सरकार से अपील की कि ऐसे फैसलों पर पुनर्विचार किया जाए ताकि वंचित तबके की शिक्षा बाधित न हो।

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के स्कूल सुधार मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कड़ी मेहनत से सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया है, जबकि यूपी सरकार स्कूल बंद करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह कदम गरीबों और ग्रामीण बच्चों के हितों के विरुद्ध बताया।

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शिक्षा विभाग की सफाई

Uttar Pradesh बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, फिलहाल कोई स्कूल बंद नहीं किया जा रहा है। विभाग ने स्पष्ट किया कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों की सूची बनाने का उद्देश्य यह समझना है कि इन स्कूलों के प्रदर्शन को कैसे सुधारा जा सकता है। शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि 13 या 14 नवंबर को इस पर एक अहम बैठक होगी जिसमें विस्तृत चर्चा की जाएगी।

विपक्षी दलों और समाज के विभिन्न वर्गों के विरोध को देखते हुए सरकार को शिक्षा के अधिकार अधिनियम और छात्रों की जरूरतों के मद्देनजर निर्णय लेने की आवश्यकता होगी।

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