UP health alert: भीषण गर्मी और आगामी त्योहारों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट मोड में डाल दिया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। अब केवल अपरिहार्य कारणों में ही छुट्टी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी आदेश में अस्पतालों में मरीजों की भर्ती, दवा की उपलब्धता, पैथोलॉजी और आपातकालीन सेवाओं को 24 घंटे चालू रखने की बात कही गई है। सरकार का उद्देश्य है कि गर्मी और त्योहारों के दौरान आम जनता को इलाज में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
इमरजेंसी सेवाओं को लेकर विशेष सतर्कता
UP डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देशों के तहत 102, 108 और एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवाओं को पूर्ण सक्रिय रखने के आदेश दिए गए हैं। अस्पतालों को पर्याप्त दवाओं, विशेष रूप से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, सांप काटने और कुत्ते के काटने से जुड़ी बीमारियों के इलाज हेतु जरूरी दवाएं और वैक्सीन स्टॉक करने को कहा गया है। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत सभी जरूरी जांच सेवाएं 24 घंटे चालू रखने की हिदायत दी गई है।
अस्पतालों में आधारभूत सुविधाओं पर ज़ोर
UP स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि अस्पतालों में बिजली और पीने के पानी की सप्लाई किसी भी हालत में बाधित न हो। मरीजों और तीमारदारों के लिए साफ एवं ठंडे पानी, छायादार स्थान, गुणवत्तापूर्ण भोजन, रैन बसेरों में कूलर और एयर कंडीशन की व्यवस्था अनिवार्य की जाए। साफ-सफाई के लिए विशेष दलों की तैनाती और निरंतर निगरानी के निर्देश भी दिए गए हैं।
मेडिकल प्रशासनिक फैसले भी लिए गए
UP मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर संस्थान, नोएडा की बैठक में दो अहम फैसले लिए गए। पैथोलॉजी विभाग में पीजी जूनियर रेजिडेंट के 7 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। साथ ही, पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री डिपार्टमेंट का नाम बदलकर “पीडियाट्रिक एंड प्रीवेंटिव डेंटिस्ट्री” रखने को स्वीकृति दी गई। बैठक में निदेशक प्रो. अरुण कुमार सिंह ने संस्थान के नए प्रस्तावों और वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत किया।
जनता से सहयोग की अपील
सरकार ने सभी विभागों को समन्वय बनाकर काम करने और जनता से सहयोग लेने की अपील की है। संक्रामक रोगों से बचाव के लिए प्रतिरक्षण, सर्विलांस और जागरूकता गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा भवनों की संरचनात्मक, अग्नि और विद्युत सुरक्षा की भी समीक्षा कर सुधार सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं।