Uttar Pradesh to Get Dedicated Satellite: उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत चिंता का विषय बनी हुई है। इसी को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन ने मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान प्रदेश के लिए अलग से सैटेलाइट लॉन्च करने की संभावना पर चर्चा हुई, ताकि बिजली गिरने जैसी आपदाओं से पहले ही चेतावनी दी जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके। इस मुलाकात में इसरो अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को रिमोट सेंसिंग तकनीक से जुड़ी अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रिमोट सेंसिंग का इस्तेमाल मौसम की सटीक जानकारी देने, जंगलों की निगरानी करने, भूजल स्तर जानने, नक्शा बनाने और जलवायु परिवर्तन का विश्लेषण करने जैसे कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। इस तकनीक से राज्य के विकास में नई संभावनाएं खुल सकती हैं।
बिजली गिरने से मौतों पर सीएम ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर साल औसतन 300 लोग बिजली गिरने से अपनी जान गंवा देते हैं। उन्होंने इस समस्या को गंभीर बताते हुए इसरो अध्यक्ष से अनुरोध किया कि प्रदेश के लिए ऐसा सैटेलाइट तैयार किया जाए जो बिजली गिरने से पहले चेतावनी देने में सक्षम हो। मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर समय रहते लोगों को जानकारी मिल जाए तो जान-माल का नुकसान काफी हद तक रोका जा सकता है।
इसरो अध्यक्ष ने दिया भरोसा
डॉ. वी. नारायणन ने मुख्यमंत्री के सुझाव को गंभीरता से लेते हुए भरोसा दिलाया कि इस विषय पर जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसरो इस दिशा में काम करेगा और प्रदेश के लिए ऐसी तकनीक विकसित करेगा जिससे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जनहानि को कम किया जा सके।
नई तकनीक से विकास के रास्ते खुलेंगे
इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग कृषि, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। उम्मीद है कि अगर यह सैटेलाइट प्रोजेक्ट पूरा होता है तो उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जिसका अपनी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अलग सैटेलाइट होगा।