00 के बाद एडिलेड से विराट कोहली ने कर दिया बड़ा इशारा, किंग ने बता दिया वह वनडे को भी करने जा रहे अलविदा

विराट कोहली जो आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा वनडे मैच खेलने के लिए एडिलेड के मैदान में उतरे। लेकिन वह शून्य पर आउट हो गए।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। उसे क्रिकेट की दुनिया का ‘बाहुबली’ कहा जाता है। उसे ‘द चेस मास्टर’ का नाम भी दिया गया है। जांबाज बैटर को फैंस किंग भी कहते हैं। जब दिल्ली का ये धुरंधर मैदान पर उतरता है तो शोर के चलते पूरा स्टेडियम दहल उठता है। जब रणबांकुरा क्रीज पर कदम रखता है और गेंद बैट से टकराती है तो मधुर गीत की तरह ही बाउंड्री के उस पार चली जाती है। कवर ड्राइव का महारथी जब 150 की स्पीड वाली बॉल पर खड़े-खडे सिक्कर जड़ता है तो पूरा पाकिस्तान तौबा-तौबा करने लगता है।

टी20 और टेस्ट को अलविदा कहने वाला वनडे का शहंशाह आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में उतारा। उसे उम्मीद थी कि इस मुकाबले में शतक जड़ेगा। भारत को शानदार जीत दिलाएगा। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया और फिर से शून्य पर आउट होकर पवेलियन की तरफ चल पड़ा। ड्रेसिंगरूम जाते वक्त क्रिकेट के जादूगर ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया में जबरदस्त हो रही है। कयासों का बाजार गर्म है। फैंस लिख रहे हैं अब डबल डक के बाद अब हमना बाजीगर वनडे को भी बॉय-बॉय कह देगा। लोग लिख रहे हैं विराट कोहली अब इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।

हां एलिडेड के मैदान में आज कुछ ऐसा हुआ। विराट कोहली जो आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा वनडे मैच खेलने के लिए एडिलेड के मैदान में उतरे। लेकिन वह शून्य पर आउट हो गए। हिटमैन भी निराश थे। टीम इंडिया के कप्तान भी उदास। गौतम गंभीर ने भी सिर पकड़ लिया। लेकिन किंग कोहली एडिलेड ओवल की भीड़ की ओर देखकर अपने ग्लप्स उठाकर इशारा किया। होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी। फिर दाहिना हाथ उठाकर चुपचाप अलविदा कहा। न गुस्सा था, न निराशा। बस एक गहरी… भीतर तक उतरती शांति। ऐसा लगा मानो कोहली कहना चाह रहे हों, अब शायद फिर यहां नहीं मिलेंगे।

विराट कोहली का यह इशारा फैन्स के लिए सवाल छोड़ गया। क्या यह किसी अंत की शुरुआत है। एडिलेड, जो कोहली का सबसे पसंदीदा मैदान रहा है, इस बार उनके लिए एक मौन गवाह बना, जहां तालियों में सम्मान भी था और विदाई की आहट भी। अगर विराट कोहली के एलिडेड मैदान पर रिकार्ड को देखे तो उन्होंने विदेशी बल्लेबाजों में सबसे अधिक 975 रन बनाए है।यहां की मिट्टी, यहां की हवा जैसे उनके नाम से जुड़ी रही है। एडिलेड में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट पर नजर डालें तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ही नजर आते हैं। शुरुआती 15 बल्लेबाजों में सिर्फ एक विदेशी का नाम है। और वह है विराट कोहली का। विराट कोहली ने एलिडेड में खूब रन बनाए।

विराट से पहले एलिडेड के मैदान में रिकी ने 2188, क्लार्क 2040, बॉर्डर 1933, वॉर्नर 1865, स्टीव वॉ 1379, मार्क वॉ 1310, बून 1263, डीन जोन्स 1166, लैंगर 1051, माइक हसी 1024, टेलर 987, हेडन 982, कोहली 975, ब्रैडमैन 970, ट्रेविस हेड 967 रन बनाए है। कोहली को एडिलेड में अपने 1000 रन पूरे करने के लिए सिर्फ 25 रनों की जरूरत थी और वह एडिलेड ओवल में हजार रन बनाने वाले पहले गैरऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन जाते। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कोहली अपने क्रिकेट कॅरियर में लगातार दो बार शून्य में आउट हुए। कोहली के करियर में ऐसा पहली बार हुआ और शायद इसी वजह से जब उन्होंने मैदान छोड़ते हुए भीड़ की ओर हाथ हिलाया।

विराट कोहली का ये इशारा सिर्फ एक आउट का नहीं, बल्कि एक युग के ढलने जैसा महसूस हुआ। एडिलेड की भीड़ खड़ी होकर तालियां बजा रही थी। वो तालियां आक्रोश की नहीं, बल्कि सम्मान और स्नेह की थीं। उस खिलाड़ी के लिए जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी। पर कोहली की आंखों में झलक रही थी एक थकान, जो सिर्फ रन या फॉर्म की नहीं थी, बल्कि उस सफर की थी जिसमें उन्होंने सब कुछ झोंक दिया। इसके सोशल मीडिया पर तुरंत हलचल मच गई। हर जगह एक ही सवाल क्या यह कोहली का इशारा था। क्या अब वनडे क्रिकेट से भी विदाई का वक्त करीब है। लोग उनके लगातार दो ‘डक’ की नहीं, बल्कि उस शांत हाथ हिलाने की बात कर रहे थे जिसने करोड़ों दिलों को छू लिया।

बता दें सात महीने के लंबे ब्रेक के बाद कोहली की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह वापसी आसान नहीं रही। वह टी20 और टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं। पहले वनडे में पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम पर वो 8 गेंदों में आउट हुए। मिचेल स्टार्क की बाहर जाती गेंद पर ड्राइव खेलने की कोशिश में। तीन दिन बाद एडिलेड में जेवियर बार्टलेट ने उन्हें एक चतुराई भरे स्पेल में फंसाया। पहले बाहर जाती गेंदें, फिर अंदर आती हुई फुल लेंथ डिलीवरी और कोहली एलबीडब्ल्यू। अंपायर की उंगली ऊपर उठी, कोहली ने रोहित शर्मा से कुछ पल बात की और बिना रिव्यू लिए लौट गए। बॉल ट्रैकर ने दिखाया गेंद सीधी मिडिल स्टंप से टकराती हुई। कोहली जब मैदान से लौटे, तो भीड़ खामोश थी, लेकिन तालियां अब भी बज रही थीं। वह तालियां विदाई जैसी थी। सम्मान, कृतज्ञता और थोड़ी सी उदासी से भरी हुई।

एडिलेड ओवल हमेशा से विराट कोहली के करियर का खास मैदान रहा है। जनवरी 2012 में उन्होंने यहीं चौथे टेस्ट में 116 रनों की संयमित पारी खेलकर दुनिया को बताया कि वह रेड-बॉल क्रिकेट के सच्चे सितारे हैं। 2014-15 की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में उनके 115 और 141 रनों के दो शतकों ने साबित कर दिया कि कोहली किसी भी मैच और उसके रुख को बदलने की क्षमता रखते हैं। व्हाइट-बॉल क्रिकेट में भी कोहली ने एडिलेड में यादगार प्रदर्शन किए। 2015 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी पारी (107 रन) आज भी फैन्स की यादों में ताजा है। लेकिन इस प्रतिष्ठित मैदान पर उनकी संभावित अंतिम उपस्थिति कुछ अलग थी। महज 4 गेंदों में उनका सफर खत्म हो गया।

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