नई दिल्ली। (World Braille Day) ये जहां कितनी खूबशूरत है इसका जबाव उससे बेहतर कोई नहीं दे सकता, जिसे देखने की मनाही है। और ऐसे लोगों की संख्या करोड़ों में है जो देख नहीं सकते है। भारत में इसकी संख्या विश्व के करीब 1 तिहाई है, भारत में लगभग 92 लाख लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी कारण देख नहीं सकते है। ऐसे लोगों को विकास के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हर साल 4 जनवरी को दुनियाभर में ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व ब्रेल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों की जिंदगी के चैलेंजेस, उनके अधिकारों , समाज में उनके प्रति समानता का भाव रखना आदि के बारे में सभी लोगों में जागरूकता फैलाना है। लुइस ब्रेल के जन्मदिवस को ब्रेल दिवस तौर पर मनाया जाता है।
World Braille Day की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 नवंबर 2018 को एक प्रस्ताव पारित कर ब्रेल लिपि की खोज करने वाले लुइस ब्रेल के जन्मदिन यानि 4 जनवरी को वर्ल्ड ब्रेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। ब्रेल दिवस (World Braille Day) को पहली बार इस दिन को 4 जनवरी 2019 को मनाया गया था। विचारों को प्रेषित ग्रहण करने के लिए नेत्रहीन लोगों के लिए यह लिपि एक बहुत बड़ी खोज साबित हुई और जिसके मदद से ऐसे लोग आज समाज के मुख्य धारा से जुड़े रहें हैं।
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विश्व ब्रेल दिवस की थीम
हर साल संयुक्त राष्ट द्वारा ब्रेल दिवस (World Braille Day) को एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल वर्ष 2024 के लिए इस बार की थीम है ‘Empowering Through Inclusion and Delivery’