संभल को हिंदू आस्था का प्रतीक बताकर गरजे योगी, बोले- पाप करने वालों को सजा मिलेगी; अखिलेश ने शराब और शिक्षा नीति पर बोला हमला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में विपक्ष पर तीखा हमला बोला और 659 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। वहीं, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को शराब नीति और शिक्षा व्यवस्था को लेकर कटघरे में खड़ा किया।

CM Yogi

CM Yogi Adityanath Sambhal visit: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल दौरे के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने संभल को हिंदू आस्था का प्रतीक बताते हुए कांग्रेस और सपा पर “पाप” करने का आरोप लगाया और कहा कि इन पापों की सजा जरूर दी जाएगी। 659 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए योगी ने संभल के 68 तीर्थों और 19 कूपों के पुनरुद्धार का संकल्प लिया। वहीं, अखिलेश यादव ने जवाबी हमला करते हुए शराब नीति को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार “शिक्षा के मंदिर बंद, शराब के ठेके चालू” करने में लगी है और यूपी को शराब बिक्री में न्यूयॉर्क व कैलिफोर्निया से आगे पहुंचा दिया है।

संभल दौरे में विपक्ष पर गरजे सीएम योगी

CM Yogi आदित्यनाथ ने गुरुवार को संभल हिंसा के बाद पहली बार जिले का दौरा किया। बहजोई में आयोजित विशाल जनसभा में उन्होंने कांग्रेस और सपा पर तीखा हमला बोला। योगी ने कहा कि संभल, हरि और हर दोनों का प्रतीक स्थल है जहां भगवान कल्कि का अवतार होगा। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार अब यहां के सभी 68 तीर्थों और 19 कूपों का पुनरुद्धार करेगी, जिन्हें विदेशी आक्रांताओं ने नष्ट कर दिया था।

योगी ने संभल को धार्मिक विरासत का केंद्र बताते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा ने यहां सामूहिक हत्याएं कराईं और पाप किए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग सनातन स्थलों को अपवित्र करेंगे, उन्हें उनकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में बेटियां असुरक्षित थीं, व्यापारी त्रस्त थे, लेकिन अब सिर्फ दंगाइयों को डर है क्योंकि उन पर “महाकाल” का प्रभाव है।

अखिलेश का पलटवार: ग फॉर गधा से लेकर शराब नीति तक हमला

CM Yogi के बयान “ग से गणेश पढ़ाओ, ग से गधा नहीं” पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, “जिसने जैसा पढ़ा होगा, वो वैसा ही बोलेगा। हमारे लिए ग फॉर गरीब है, और हम गरीबों के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। हो सकता है बीजेपी के लिए ग फॉर गधा हो।”

इसके साथ ही उन्होंने शराब नीति को लेकर भी योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि “नवयोगी काल में शिक्षा के मंदिर बंद और शराब के ठेके चालू हो गए हैं।” उन्होंने एक चार्ट साझा किया जिसमें यूपी में शराब की बिक्री के आंकड़े न्यूयॉर्क (3800), कैलिफोर्निया (14,227) से आगे दिखाए गए हैं, जबकि यूपी में शराब के ठेके 27,308 तक पहुंचने का दावा किया गया।

शिक्षा नीति पर भी दोनों में भिड़ंत

स्कूल मर्जर को लेकर भी CM Yogi और अखिलेश आमने-सामने आ गए हैं। सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी सरकार शिक्षा में पारदर्शिता और आधुनिक तकनीक ला रही है, जबकि सपा सरकार के दौर में शिक्षा व्यवस्था नकल, जातिवाद और अराजकता से ग्रस्त थी। उन्होंने कहा कि सरकार अब मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे कोर्स का खर्च भी उठाएगी।

वहीं, सपा द्वारा चलाए जा रहे ‘पीडीए पाठशाला’ अभियान के तहत अखिलेश सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा गरीबों की शिक्षा छीनकर शराब बेचने में व्यस्त है, और नशे को बढ़ावा देकर परिवारों को तोड़ने की राजनीति कर रही है।

संभल में आस्था और विकास की बात करते हुए CM Yogi ने विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया, तो अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए भाजपा सरकार को शिक्षा और शराब नीति पर आड़े हाथों लिया। दोनों नेताओं की बयानबाजी से साफ है कि यूपी की राजनीति फिलहाल पूरी तरह गरमाई हुई है, और 2027 के चुनावी संकेत अभी से दिखने लगे हैं।

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