इस स्थिति में युवक ने कहा कि वह महिला का पति नहीं है और उसके खिलाफ लगाए गए हत्या और दहेज के आरोप निराधार हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने कहा कि भले ही कानूनी रूप से दोनों की शादी नहीं हुई थी, लेकिन उनके लिव-इन संबंध के साक्ष्य को देखते हुए इसे पर्याप्त माना जाएगा। इस प्रकार, कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दहेज और हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज करना उचित समझा।
पहले पति को नहीं दिया तलाक
आरोपी आदर्श ने अदालत में दायर की गई याचिका में बताया कि जिस युवती के साथ वह लिव-इन रिश्ते में रह रहा था, वह पहले से विवाहित थी और उसने अपने पहले पति का तलाक नहीं लिया था। इसलिए, वे दोनों साथ रह रहे थे, लेकिन उन्होंने शादी नहीं की थी। इस मामले में अदालत ने स्पष्ट किया कि युवती द्वारा की गई शिकायत में उसके पहले पति के साथ तलाक से संबंधित सभी प्रमाण दिए गए हैं।
युवती ने अपने पहले पति को तलाक देने के बाद ही याचिकाकर्ता के साथ लिव-इन रिश्ते में रहने की बात कही, और उसने याचिकाकर्ता के परिसर में आत्महत्या की थी। शिकायत में यह भी उल्लेख गया है कि युवती ने याचिकाकर्ता के साथ अदालत में शादी की थी। इस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही उनकी कानूनी शादी का मामला स्पष्ट नहीं किया जा सका, फिर भी आरोपों को नकारा नहीं किया जा सकता है।
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प्रयागराज की कोतवाली में 2022 में याचिकाकर्ता के खिलाफ दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया कि दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने से मायूस होकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने दहेज हत्या के आरोप में चार्जशीट पेश की। ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपराध से मुक्ति की अर्जी को ख़ारिज कर दिया, जिसे चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि वह कानूनी रूप से पीड़िता का पति नहीं है, इसलिए उस पर दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न का मामला नहीं चलाया जा सकता।
सरकारी वकील ने कहा कि मृतका की शादी अदालत के माध्यम से हुई थी और दहेज के लिए आवेदक उसे प्रताड़ित करता था, जिसके कारण पीड़िता ने आत्महत्या की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विवाह की वैधता का परीक्षण ट्रायल में ही किया जा सकता है। अदालत ने यह कहा कि केवल पति ही नहीं, बल्कि उसके रिश्तेदार भी दहेज हत्या के लिए आरोपी हो सकते हैं। भले ही यह मान लिया जाए कि मृतका कानूनी रूप से विवाहित पत्नी नहीं थी, किंतु प्रमाण है कि वे एक साथ पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। इसलिए, दहेज हत्या के प्रावधान इस मामले में लागू होंगे।