Stock Market: शेयरों की बिक्री से होने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स 15% से बढ़ाकर 20% करने और लॉन्ग टर्म बिक्री पर 10% की जगह 12.5% की दर से टैक्स बढ़ाने की घोषणा का असर आज भी शेयर बाजार पर दिख रहा है। बजट के दिन लाल निशान में बंद होने के बाद आज भी बाजार कमजोर खुला है। बीएसई सेंसेक्स 117.20 अंक की गिरावट के साथ 80,311.84 अंक पर खुला है। वहीं एनएसई निफ्टी 35.75 अंक की कमजोरी के साथ 24,443.30 अंक पर पहुंच गया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बाजार और कमजोर हुआ तो बड़ी गिरावट आ सकती है।
बाजार पर टैक्स बढ़ने के कुछ संभावित प्रभाव:
- निवेशकों की भावना: टैक्स बढ़ने से निवेशकों की भावना नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है, जिससे वे शेयर बाजार से पैसा निकाल सकते हैं।
- कम निवेश: टैक्स बढ़ने से लोग भविष्य में कम निवेश करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं, जिससे बाजार में तरलता कम हो सकती है।
- कंपनियों पर प्रभाव: टैक्स बढ़ने से कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है, जिससे उनके शेयरों की कीमतें गिर सकती हैं।
आज की गिरावट के आंकड़े:
- बीएसई सेंसेक्स: 117.20 अंक नीचे, 80,311.84 अंक पर खुला।
- एनएसई निफ्टी: 35.75 अंक नीचे, 24,443.30 अंक पर खुला।
कारण: बजट में पूंजीगत लाभ कर (कैपिटल गेन टैक्स) में वृद्धि।
- लघु अवधि पूंजीगत लाभ कर (Short-Term Capital Gains Tax – STCG): 15% से बढ़ाकर 20% हुआ।
- दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर (Long-Term Capital Gains Tax – LTCG): 10% से बढ़ाकर 12.5% हुआ।
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कारणों का विश्लेषण:
- टैक्स वृद्धि का मनोवैज्ञानिक प्रभाव: निवेशक अपने मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को लेकर चिंतित हैं। इससे उनकी जोखिम लेने की क्षमता कम हो सकती है।
- अल्पावधि बनाम दीर्घावधि निवेश: टैक्स वृद्धि का असर मुख्य रूप से अल्पावधि निवेशकों (Short-Term Investors) पर पड़ेगा। वे जल्दी मुनाफा कमाने की रणनीति अपनाते हैं, जिससे अब उन्हें ज्यादा टैक्स देना होगा। यह उन्हें बाजार से बाहर निकालने के लिए प्रेरित कर सकता है।
- दीर्घावधि निवेशकों पर संभावित असर: हालांकि दीर्घावधि निवेशकों (Long-Term Investors) पर टैक्स वृद्धि का सीमित असर होगा, फिर भी यह उन्हें भविष्य के निवेश निर्णयों में सतर्क कर सकता है।