स्टॉक मार्केट की तेजी को लगा झटका, 320 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी 23,350 के नीचे लुढ़का

Nvidia के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली। डाउ जोन्स एवरेज 1.73% की गिरावट के साथ 39,339.39 पर बंद हुआ, जबकि S&P 500 में 2.24% की कमजोरी आई और यह 5,275.70 पर आ गया। नैस्डेक कंपोजिट भी 3.05% गिरकर 16,307.16 पर बंद हुआ।

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Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में दो दिनों की लगातार बढ़त के बाद गुरुवार को कमजोरी के संकेत देखने को मिले। शुरुआती कारोबार में ही बाजार ने दबाव में शुरुआत की, जहां सेंसेक्स में लगभग 320 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी फिसलकर 23,350 के नीचे आ गया। ओपनिंग बेल के साथ ही सेंसेक्स 181.39 अंक या 0.24% गिरकर 76,862.90 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी भी करीब 100 अंकों की गिरावट के साथ 23,300 के स्तर पर आ गया, जो कि पिछले बंद से लगभग 80 अंक नीचे है। इस दौरान विप्रो के शेयरों में भी दबाव रहा और यह 5% से अधिक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था।

दूसरी ओर, अमेरिकी शेयर बाजार में भी बुधवार को भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका असर एशियाई बाजारों पर पड़ा और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रह सके। खासतौर पर Nvidia के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई, जिसके चलते डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.73% लुढ़ककर 39,339.39 पर बंद हुआ। इसी तरह, S&P 500 में 2.24% और नैस्डेक कंपोजिट में 3.05% की गिरावट रही, जो क्रमशः 5,275.70 और 16,307.16 के स्तर पर बंद हुए।

बीएसई सेंसेक्स ऊपर पहुंचा

हालांकि गुरुवार को वैश्विक संकेतों में थोड़ी राहत देखने को मिली। अमेरिकी फ्यूचर्स मार्केट में सुधार नजर आया, जहां डाउ जोन्स 0.40%, S&P 500 में 0.47% और नैस्डेक 100 फ्यूचर्स में 0.56% की बढ़त देखी गई। बात करें एक दिन पहले की, तो बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में तेजी बनी रही। बीएसई सेंसेक्स 309.40 अंकों की मजबूती के साथ 77,000 के ऊपर पहुंच गया, वहीं एनएसई निफ्टी में भी 108.65 अंकों की बढ़त देखने को मिली। विशेषज्ञों के अनुसार, हालिया पॉजिटिव मैक्रोइकोनॉमिक डेटा और सामान्य मॉनसून की संभावना ने निवेशकों की भावनाओं को बल दिया है।

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जियोजीत इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसकी वजह यह भी हो सकती है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव से भारत को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल सकता है। इसके अलावा मार्च में खुदरा महंगाई दर सात साल के निचले स्तर पर पहुंचने से बाजार में यह उम्मीद बनी है कि रिजर्व बैंक आगे चलकर नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।”

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