Bindu Bollywood Vamp Queen बॉलीवुड में कई एक्ट्रेसेज़ आईं और गईं, लेकिन कुछ ही ऐसी रहीं जो अपनी छाप छोड़ गईं। बिंदु भी उन्हीं में से एक हैं। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से ये साबित कर दिया कि फिल्मों में सिर्फ हीरोइन ही नहीं, विलेन या वैंप का किरदार भी उतना ही ज़रूरी और यादगार हो सकता है।
बचपन में ही जिम्मेदारी आ गई थी
बिंदु का जन्म 17 अप्रैल को गुजरात के वलसाड ज़िले में हुआ था। उनके पिता नानूभाई देसाई फिल्मों के निर्माता थे और मां थिएटर आर्टिस्ट। जब बिंदु महज़ 13 साल की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया। घर में सबसे बड़ी बेटी होने की वजह से घर की पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। उस वक्त उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला लिया।
फिल्मी करियर की शुरुआत
साल 1962 में फिल्म अनपढ़ से बिंदु ने फिल्मी दुनिया में पहला कदम रखा। हालांकि शुरुआत में उन्हें बहुत ज्यादा पहचान नहीं मिली, लेकिन 1969 में रिलीज़ हुईं फिल्में दो रास्ते और इत्तेफाक ने उन्हें लाइमलाइट में ला दिया। फिर कटी पतंग में ‘शब्बो’ के रोल ने उन्हें खास पहचान दिलाई और लोग उन्हें ‘वैंप क्वीन’ कहने लगे।
लोगों की सोच से भी लड़ीं बिंदु
बिंदु ने ज्यादातर फिल्मों में निगेटिव रोल किए, जिससे कई लोगों ने उन्हें असल ज़िंदगी में भी गलत समझा। कई महिलाओं को लगता था कि बिंदु उनके पति को फंसा सकती हैं, इसलिए वे उनसे दूरी बनाकर रखती थीं। थिएटर में लोग उन्हें गालियां देते थे, लेकिन बिंदु इसे अपनी कामयाबी का सबूत मानती थीं।
शादी और निजी जीवन
बिंदु ने चंपकलाल झावेरी से शादी की थी। उनकी शादी तो खुशहाल रही लेकिन मां बनने का सुख उन्हें नसीब नहीं हुआ। एक बार गर्भपात के बाद उन्होंने फिल्मों से कुछ वक्त के लिए दूरी बना ली थी। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने हीरो, हम आपके हैं कौन जैसी बड़ी फिल्मों में अहम किरदार निभाए।
बिंदु का असर आज भी बरकरार
Bindu ने करीब 160 फिल्मों में काम किया और 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुईं। उनके जैसे किरदार आज भी नए कलाकारों को प्रेरणा देते हैं कि रोल चाहे जैसा भी हो, अगर उसे दिल से निभाया जाए तो वो भी आइकॉनिक बन सकता है।