रिटायर्ड IAS के बेटे और सूडा में तैनात प्रोजेक्ट मैनेजर ने की आत्महत्या, डिप्रेशन में थे पिछले 15 साल से

लखनऊ में सूडा के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकांत मिश्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे रिटायर्ड IAS अधिकारी के बेटे थे और डिप्रेशन से जूझ रहे थे। घटना के समय परिवार के सदस्य घर पर ही मौजूद थे।

Lucknow

Lucknow News: राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकांत मिश्र (59) ने शनिवार रात इंदिरानगर स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे हरदोई में पदस्थ थे और तीन महीने में सेवानिवृत्त होने वाले थे। बताया जा रहा है कि वह पिछले 15 वर्षों से गंभीर डिप्रेशन से पीड़ित थे और इलाज ले रहे थे। घटना के वक्त उनकी पत्नी घर में मौजूद थीं, जबकि उनका बेटा कार्तिकेय मिश्र अस्पताल में अपनी बीमार सास से मिलने गया था। लौटने पर कार्तिकेय ने पिता को फंदे से लटका पाया और तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।

अंदर से बंद कमरे में ली अंतिम सांस

इंदिरानगर के बी ब्लॉक में स्थित मकान में सुधाकांत मिश्र ने अपने कमरे को अंदर से बंद कर लिया था। रात में जब बेटे कार्तिकेय घर लौटे तो कमरे का दरवाज़ा बंद पाया। खिड़की से झांकने पर उन्होंने देखा कि उनके पिता फंदे पर लटके हुए हैं। आनन-फानन में दरवाज़ा तोड़कर उन्हें नीचे उतारा गया और शेखर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

डिप्रेशन से जूझते रहे वर्षों से

परिजनों के मुताबिक, सुधाकांत मिश्र करीब 15 साल से डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था। उनका अक्सर आत्महत्या की बातें करना परिवार के लिए चिंता का विषय था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगे।

पुलिस जांच में बीमारी को ही कारण माना गया

इंस्पेक्टर विकास राय के अनुसार, मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। Lucknow पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनके अनुसार डिप्रेशन और बीमारी ही आत्महत्या की वजह मानी जा रही है।

प्रतिष्ठित परिवार, लेकिन निजी पीड़ा से हार गए

गौरतलब है कि सुधाकांत मिश्र, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मंगला प्रसाद मिश्र के पुत्र थे। वे सूडा Lucknow जैसे प्रतिष्ठित विभाग में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्यरत थे और कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले थे। पत्नी एचएल स्कूल में अध्यापिका हैं। बेटा कार्तिकेय ने मीडिया को बताया कि पिता कई बार निराशा की बातें करते थे लेकिन परिवार को यह अंदेशा नहीं था कि वे ऐसा कदम उठा लेंगे।

यदि आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो कृपया मनोवैज्ञानिक परामर्श लें। हेल्पलाइन नंबर: 9152987821 (मानसिक स्वास्थ्य सहायता)

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