Meerut Central Market Bulldozer: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ सेंट्रल मार्केट में अवैध निर्माणों पर चल रहे ध्वस्तीकरण अभियान (Bulldozer Action) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अरुण गोविल के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल ब्रेक लग गया है। दो दिनों से बंद पड़े बाजार को देर शाम ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच खोल दिया गया। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब आवास विकास परिषद द्वारा 22 दुकानों के ध्वस्तीकरण के बाद, 31 अन्य भवनों के 100 दुकानदारों को नोटिस दिए जाने से व्यापारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश के खिलाफ वाहवाही लूटने के लिए BJP सांसद अरुण गोविल ने #मेरठ के सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों का अनशन खत्म करवाया
मारे खुशी के "रामायण के राम" ने ऐसी दुकान का शटर उठाया जिसके बैकड्रॉप में अंडरगार्मेंट का प्रचार करती मॉडल अवतरित हुई pic.twitter.com/KSKZKIior7
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) October 29, 2025
सांसद अरुण गोविल ने स्वयं एक दुकान का शटर उठाकर व्यापारियों को आश्वासन दिया कि अब कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि, इस पूरे मामले में एक नाटकीय मोड़ तब आया जब ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने और बाजार को अस्थाई रूप से ‘स्ट्रीट बाजार’ घोषित करने का आदेश देने वाले मेरठ के कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद का अचानक तबादला कर दिया गया। प्रशासनिक गलियारों में इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने की कीमत के तौर पर देखा जा रहा है।
सांसद के आश्वासन पर खुला बाजार, कमिश्नर पर गिरी गाज
Meerut सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्पलेक्स के ध्वस्तीकरण के बाद उपजे विवाद ने मंगलवार शाम सांसद अरुण गोविल और कैंट विधायक अमित अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद सुलह का रास्ता पा लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सांसद गोविल ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि फिलहाल चिह्नित 31 निर्माणों पर बुलडोजर कार्रवाई स्थगित रहेगी। साथ ही, ध्वस्त किए गए कॉम्पलेक्स के स्थान पर अस्थायी तौर पर दुकानें लगाने की अनुमति दी गई है और सेंट्रल मार्केट को ‘स्ट्रीट बाजार’ का दर्जा देने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने बताया कि प्रभावित 22 व्यापारियों को नगर निगम की नई सड़क पर बन रहे मिनी मॉल में दुकानें दी जाएंगी।
जनप्रतिनिधियों के इस हस्तक्षेप और व्यापारी समुदाय में खुशी फैलने के कुछ ही घंटों बाद, देर शाम शासन ने मेरठ कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद का अचानक तबादला कर दिया। सूत्रों की मानें तो कमिश्नर का ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने और ‘स्ट्रीट बाजार’ घोषित करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के विपरीत माना गया, जिससे शासन में नाराजगी फैल गई।
Arvind Kejriwal : ‘इस सरकार के सारे इंजन फेल…’क्लाउड सीडिंग फेल होने पर केजरीवाल ने दिल्ली सरकार को सुनाई खरी-खरी…
Meerut प्रशासनिक अधिकारी इसे भले ही ‘रूटीन ट्रांसफर’ बता रहे हों, लेकिन जानकार इसे अवैध निर्माण पर कार्रवाई रोकने के उनके आदेश से जोड़कर देख रहे हैं, जिसे न्यायालय के आदेश की अवहेलना समझा गया। भाजपा सूत्रों के अनुसार, सांसद गोविल ने मुख्यमंत्री से मिलकर एक ऐसी योजना बनाई जिससे विवाद का हल भी निकल जाए और कोर्ट की अवमानना से भी बचा जा सके, और कमिश्नर का ट्रांसफर इसी का हिस्सा हो सकता है। फिलहाल, मेरठ के नए कमिश्नर को कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यापारी समुदाय जहां कमिश्नर के समर्थन में है, वहीं प्रशासनिक हलकों में हलचल मची हुई है।
