Bank strike March 2025 update बैंकों में कामकाज को लेकर ग्राहकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही था कि 24 और 25 मार्च 2025 को बैंक खुले रहेंगे या नहीं? दरअसल, बैंक यूनियनों ने इन दो दिनों की हड़ताल का ऐलान किया था, जिससे बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ सकता था। लेकिन अब बैंक यूनियन ने यह हड़ताल रद्द कर दी है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने इस हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है। यह निर्णय चीफ लेबर कमिश्नर और अन्य संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद लिया गया।
आज बैंक खुले हैं या नहीं
हड़ताल रद्द होने के कारण 24 मार्च 2025, सोमवार को देशभर के सभी बैंक सामान्य रूप से खुले रहेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हॉलिडे लिस्ट के अनुसार, बैंकिंग सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा और सभी ब्रांच में रोजमर्रा का काम सामान्य रूप से होगा।
31 मार्च को बैंक रहेंगे बंद
मार्च के महीने में 31 मार्च 2025 को ईद-उल-फितर के मौके पर कई शहरों में बैंक बंद रहेंगे। इनमें अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, भोपाल, नागपुर, जयपुर और कई अन्य शहर शामिल हैं। ऐसे में ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक से जुड़ा जरूरी काम पहले ही निपटा लें।
हड़ताल का कारण क्या था?
बैंक हड़ताल के पीछे कई अहम कारण थे। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉइज (NCBE) के महासचिव एल. चंद्रशेखर ने बताया कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद कुछ प्रमुख मांगें अब भी लंबित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
बैंक कर्मचारियों के लिए हफ्ते में पांच दिन कार्य लागू किया जाए।
संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी नौकरी दी जाए।
सरकारी बैंकों में नए कर्मचारियों की भर्ती की जाए, ताकि काम का दबाव कम हो।
सरकारी बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए निदेशक मंडल में प्रतिनिधित्व दिया जाए।
वित्त मंत्रालय की नई परफॉर्मेंस रिव्यू और इंसेंटिव प्रणाली को हटाया जाए, क्योंकि इससे कर्मचारियों की नौकरी असुरक्षित हो सकती है।
ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये की जाए और इसे कर-मुक्त किया जाए।
वित्त मंत्रालय के नए नियमों का विरोध
बैंक यूनियनों ने वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा लाए गए परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव और नौकरी समीक्षा के नए नियमों का विरोध किया था। यूनियनों का मानना है कि इस नीति से बैंक कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है और उन्हें अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा।
अब जबकि हड़ताल को टाल दिया गया है, बैंक यूनियनों और IBA के बीच बातचीत जारी रहेगी, ताकि इन मांगों का हल निकाला जा सके। बैंक कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा।