नई दिल्ली: सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने नए आदेश जारी किए हैं।जिसमें मंत्रालय ने साफ किया है कि अब 15 साल से पुरानी कारों को या तो ग्राहक स्क्रैपिंग के लिए भेज दें या फिर कार को दूसरे राज्य में बेंच दे ताकि उसका री-रजिस्ट्रेशन हो सके । जहां अभी पुरानी कारों पर रोक न हो।
साथ ही री-रजिस्ट्रेशन का दाम भी आठ गुना ज्यादा होगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने ये भी साफ कर दिया अगर ग्राहक ने अपनी मनमानी की और कार को न तो स्क्रैप में भेजा ना दूसरे राज्य में बेचा तो पकड़े जाने पर उसकी कार कबाड़ में भेज दी जाएगी। इसी बीच खबर ये भी है कि जो लोग दूसरे राज्य में अपनी कारों को री-रजिस्ट्रेशन करवाकर बेच रहे थे उसकी कीमत दिल्ली सरकार ने अब आठ गुना कर दी है।
इतना ही नहीं दोपहिया वाहन की बात करें तो इसमें भी इजाफा किया गया है। टू व्हीलर के लिए री-रजिस्ट्रेशन की फीस 300 से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दी गई है वहीं विदेश से खरीदी कारों का दाम बढ़ाकर कई गुना ज्यादा कर दिया गया है। जिसे 1500 से बढ़ाकर 12500 कर दिया गया है। अगर वाहनों के पंजीकरण में लेट लतीफी होती है तो भी 300 रुपए हर महीने के हिसाब से जुर्माना लगेगा।
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से एनसीआर समेत भारत में लगभग 1.20 करोड़ से ज्यादा कार समेत अन्य वाहन कबाड़ की हालत में हैं सरकार ने इसी बात की दलील देते हुए कहा कि कारों की कम स्क्रैपिंग होना हमारे पर्यावरण के लिए बहुत चिंता का विषय है। सरकारी तंत्रों के अनुसार पुरानी कारें अधिक वायु प्रदूषण फैलाती हैं।
आपको बता दें कि पिछली साल सरकार ने इस मामले को लोकसभा में भी उठाया था। जहां सरकार ने आंकड़ों का एक मकड़जाल पेश किया था जिसके हिसाब से देश में 2.14करोड़ ऐसी गाड़ियां हैं जो कि 20 साल पुरानी हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा खराब हालत के वाहन कर्नाटक में हैं और दूसरे नंबर पर दिल्ली आता है।
निशांत दीक्षित