India Pakistan tension: भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में हुए घातक हमले के बाद तनाव चरम पर है। ऐसे में अमेरिका, चीन और सऊदी अरब की भूमिका अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के केंद्र में आ गई है। एक ओर अमेरिका पीछे हटने का संकेत दे रहा है, वहीं चीन पाकिस्तान के (India Pakistan) साथ खड़ा दिख रहा है। सऊदी अरब, जो दोनों देशों के साथ आर्थिक और धार्मिक संबंध रखता है, अब एक संभावित मध्यस्थ के रूप में उभर सकता है। इस घटनाक्रम को लेकर वैश्विक बिरादरी में चिंता बढ़ी है और दक्षिण एशिया की शांति फिर खतरे में दिख रही है।
अमेरिकी नीति में बदलाव के संकेत
1 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फॉक्स न्यूज पर दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान को 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए हमले के दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। वेंस ने कहा, “अगर पाकिस्तान सहयोग नहीं करता, तो अमेरिका (India Pakistan) पीछे हट सकता है।” यह बयान संकेत देता है कि अमेरिका अब भारत-पाक तनाव में सक्रिय भूमिका निभाने से पीछे हट सकता है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच किसी मजबूत द्विपक्षीय संवाद की कमी को उजागर करती है।
चीन-पाक संबंधों में गहराई
पाकिस्तान, भारत और अमेरिका के नजदीक आते रिश्तों के बीच चीन की ओर झुकता दिख रहा है। एक्स यूजर @सिद्धांत ने कहा, “चीन और पाकिस्तान के सैन्य व आर्थिक रिश्ते पहले से कहीं मजबूत हैं।” चीन-पाक आर्थिक गलियारा (CPEC) और सैन्य सहयोग पाकिस्तान को बीजिंग के और करीब ला रहे हैं। चीन, पाकिस्तान को रणनीतिक समर्थन देकर इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
तटस्थ शक्ति या परंपरागत पक्षकार?
सऊदी अरब का पाकिस्तान से गहरा संबंध रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में OIC में पाकिस्तान की (India Pakistan) आलोचना और कश्मीर मुद्दे पर सऊदी की सतर्कता ने संबंधों में खटास पैदा की है। इसके बावजूद, ग्वादर में 10 बिलियन डॉलर के निवेश और मुस्लिम जगत में प्रभाव के चलते सऊदी अरब एक तटस्थ मध्यस्थ बन सकता है। पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने लिखा, “दोनों देशों के बीच तंत्र की कमी है, और सऊदी अरब के पास प्रभाव भी है और संतुलन भी।”
आगे क्या होगा?
दक्षिण एशिया एक बार फिर कूटनीतिक ध्रुवीकरण की ओर बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका दूरी बना रहा है, चीन दखल बढ़ा रहा है और सऊदी अरब की भूमिका निर्णायक हो सकती है। आने वाले दिन इस तनाव की दिशा तय करेंगे – बातचीत या टकराव।