नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह मौजूद रहे। करीब 90 मिनटों तक चली इस बैठक में कई निर्णयों पर पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से मुहर लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी है। सेनाएं जैसे चाहें और जब चाहें पाकिस्तान पर अटैक कर सकती हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में उबाल हैं। लोग पाकिस्तान को सबक सिखाए जानें की मांग कर रहे हैं। पाक से बदलापुर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएम अनिल चौहान के अलावा तीनों आर्मी चीफ मौजूद थे। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर सख्ती को सेना को खुली छूट देने की बात कही है।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है। सूत्र बताते हैं कि 90 मिनट तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान कई निर्णयों पर मुहर भी प्रधानमंत्री की तरफ से लगाई गई।
बैठके दौरान पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति, आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों और भविष्य की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श किया गया। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से तीनों सेनाओं को पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन को लेकर खुली छूट दे दी गई है। हालांकि भारतीय सेनाएं ये ऑपरेशन कब और कहां पर लांच करेंगी इसे गुप्त रखा गया है। जैसा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कहा गया है कि पहलगाम आतंकी हमले का हिसाब होगा। पीड़ितो को न्याय मिलगा और न्याय मिलकर रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेवरों को देख रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने जो चाल चली, वह उसी में फंस गया। पाक आर्मी चीफ मुनीर खुद को दूसरा परवेज मुशर्रफ बनाने को लेकर पहलगाम में हमला करवाया। वह चाहता था कि हमले के जरिए पाकिस्तान की जनता को अपने पक्ष में कर देश की कमान खुद अपने हाथों में ले लूं। पर अब इंडियन आर्मी के हाथ मुल्ला मुनीर की गर्दन की तरफ बढ़ गए हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का हमला जोरदार होगा। धमाकेदार होगा।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा दर्जनों लोग घायल भी हुए थे। इसे हाल के वर्षों के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है। हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हमले में शामिल आतंकियों की तलाश जारी है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ रहा है। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई तरह की पाबंदियां लगाने का फैसला किया।
पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था। यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई। भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया। कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई। यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता।