नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 28 मासूम सैलानियों का धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया। अटैक के बाद भारत की तरफ से भी बड़ा पलटवार किया गया है। भारत ने सिंधू समझौते को कैंसिल करते हुए आटारी बार्डर, पाक नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। जंग की आशंका के बीच पाकिस्तानी दहशत में हैं। आतंकियों के बॉस बंकरों के अंदर कैद हो गए हैं। जबकि नापाक आर्मी भी खौफ से थर-थर कांप रही है। इनसब के बीच पलहगाम नरसंहार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस हमले का मुक्त आर्मी चीफ मुल्ला मुनीर ने दिया। हमास-हाफिज और मसूद ने भारत की आत्मा पर हमले की स्क्रिप्ट लिखी।
धर्म पूछकर सैलानियों का किया मर्डर
पहलगाम की बैसरन घाटी, जिसे जमीन का स्वर्ग कहा जाता है। यहां पर ऊंचे-ऊंचे पेड़ और पहाड़ों से घिरा एक मैदान और मैदान पर फैसली नरम-नरम हरी-हरी घासें। नजर उठाएंगे तो बर्फ से ढकी पहाड़ों की चोटियां नजरों पर छा जाएंगी। इस बीच अगर चमकता सूरज दिख गया तो लगेगा इन पर्वतों ने चांदी की चादर ओढ़ रखी है। लेकिन धरती के स्वर्ग पर आतंकियों की नजर पड़ी और 22 अप्रैल को डरपोक और कायर दहशतगर्दों की जमात ने सैलानियों पर मजहब और नाम पूछकर गोलियां बरसाई जो उस वक्त घाटी में मैगी खा रहे थे। मजहब पूछकर की गई इस क्रूर हत्या ने 28 मासूम जिंदगियों को लील लिया।
पीएम मोदी ने कहा मिट्टी में मिला देंगे
पहलगाम नरसंहार से भारत हिल गया। लोग गुस्से में हैं और पाकिस्तान पर हमले की मांग कर रहे हैं। अब तो ये आवाजें कश्मीर की उन वादियों से भी सुनाई दे रही हैं, जहां कभी बारूद की गंध आती थी। भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी ऐलान कर चुके हैं कि आतंकी और उनके आकाओं को हम मिट्टी में मिला देंगे। पीएम के ऐलान के बाद पूरे पाकिस्तान में खौफ है। कायर पाक आर्मी के कमांडर बंकरों से निकलने में डर रहे हैं। सैनिकों को भी बंकर के अंदर रहने के हुक्म दिए गए हैं। आतंकियों के सरदार भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। कुछ डर के कारण वीडियो जारी कर पहलगाम आतंकी हमले से अपने को दूर रखे जाने की बात कह रहे हैं।
कार्यक्रम में शामिल हुआ था हमास का लीडर
ऐसे में पहलगाम को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि इस आतंकी हमले का आदेश पाक आर्मी चीफ मुनीर ने दिया था। स्किप्ट हाफिज सईद, मसूद अजहर और हमास के आतंकी कमांडरों ने लिखी। मीडिया रिपोट्स में दावा किया जा रहा है कि 5 फरवरी 2025 को रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में कश्मीर सॉलिडेरिटी डे के नाम पर एक ऐसा सम्मेलन हुआ जिसमें भारत के खिलाफ खुलेआम जहर उगला गया। इस कार्यक्रम में हमास के आतंकियों को पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीआके) में इसी मंच पर देखा गया। डॉ. खालिद कद्दूमी, जो ईरान (तेहरान) में हमास का प्रतिनिधि है, खुद इस कार्यक्रम में शामिल हुआ।
ये आतंकी मंच पर थे मौजूद
डॉ. खालिद कद्दूमी, के ाथ अन्य फिलिस्तीनी आतंकियों भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिनका पाक आर्मी के एक अफसर ने गर्मजोशी से स्वागत किया था। ार्यक्रम के दौरान हमास के ‘अल अक्सा फ्लड ऑपरेशन’ को भारत विरोधी जिहाद के रूप में पेश किया गया। इस आतंकी महफिल में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों के बड़े चेहरे शामिल थे। हाफिज सईद का बेटा स्टेज पर मौजूद था। मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ, जैश का लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, जैश कमांडर मसूद इलयासी इस मीटिंग में मौजूद था। लश्कर-ए-तैयबा के कई वरिष्ठ कमांडर भी इसमें शामिल थे।
जिहाद का अगला मैदान’ बताया गया
सम्मेलन में कश्मीर की तुलना गाजा से करते हुए उसे ‘जिहाद का अगला मैदान’ बताया गया। ये कोशिश की गई कि हमास के आतंकियों को भारत विरोधी संगठनों के साथ जोड़कर एक साझा ‘इस्लामिक प्रतिरोध’ की छवि बनाई जाए। मंच से जिहाद के नाम पर आतंकियों को भारत में घुसपैठ और हमले के लिए उकसाया गया। तो जिस तरह से हमास, लश्कर और जैश के चेहरे एक ही मंच पर आए, और जिस तरह से कश्मीर को अगला ग़ाज़ा बताने की कोशिश की गई इससे ये साफ है कि भारत के खिलाफ एक नया ‘आतंकी गठजोड़’ तैयार हो चुका है। जानकार बताते हैं कि जिस तरह हमास के आतंकियों ने इजराइल पर हमला किया, उसी प्रकार पहलगाम में आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया।
दोनों आतंकी हमलों का पैटर्न एक
जानकार बताते हैं कि जिस तरह से पहलगाम में आतंकी हमले की तस्वीरें सामने आई, कुछ ऐसी ही तस्वीरें इजरायल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए आतंकी हमले की थी। ठीक ऐसा ही पैटर्न इजरायल में हमास के आतंकवादियों ने अपनाया था, जब उन्होंने 1,200 लोगों को मार डाला था। पहलगाम में पाकिस्तान से पोषित टीआरएफ के आतंकियों ने सैलानियों से उनका धर्म पूछा, अजान सुनाने को कहा और गोली मार दी। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमले में हमास के आतंकियों ने भी यहूदी नागरिकों को चुन-चुनकर मारा, खासकर उन समुदायों को जो गाजा सीमा के पास के थे। दोनों हमलों में आतंकियों की मजहब के आधार पर चुनने की नीति स्पष्ट दिखी।
दोनों की दहशतगर्दी एक तरह की
सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने शरीर पर कैमरे लगा रखे थे। उन्होंने पूरी घटना की वीडियोग्राफी की। मुख्य घटनास्थल पर आतंकियों ने सभी को इकट्ठा कर उनसे उनकी पहचान की फिर उनपर हमला किया। हमास आतंकियों ने इजरायल में हुए उस हमले को अंजाम देने के लिए रॉकेट बैराज, पैराग्लाइडर और वाहनों के जरिए इजरायल में घुसपैठ की थी। उनकी संख्या सैकड़ों में थी। हमास का हमला इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को भड़काने और क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करने का प्रयास था। इसी तरह पहलगाम हमला टीआरएफ की भड़ास का परिणाम था।