नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। शुक्रवार के बाद शनिवार को मुर्शिदाबाद में उपद्रवियों ने जमकर तांडव मचाया। पिता-पुत्र को पीट-पीट कर मार डाला। दंगाईयों की नजर एक युवक पर पड़ी तो उसकी भी हत्या कर दी। उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों और एंबुलेस को निशाना बनाया। इसी बीच बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। फिलहाल पूरे इलाके में तनाब है। धारा 163 लगा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल के जवान तैनात हैं।
मुर्शिदाबाद के सूती में शुक्रवार को हिंसा की शुरुआत हुई थी। जुमे की नमाज़ के बाद वक़्फ़ कानून के ख़लिफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर उतर पड़े और एनएच-34 को ब्लॉक कर दिया। जब पुलिस ने नेशनल हाईवे से अवरोध हटाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ भीड़ का टकराव हुआ। इसके बाद शमशेर गंज में भी नेशनल हाईवे पर हज़ारों की संख्या में लोग आ गए। डाक बंगला मोड़ पर प्रदर्शनकारियों ने तांडव मचाया। पुलिस की गाड़ियों के साथ ही एक आउटपोस्ट को तोड़फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, सड़क किनारे दुकानों और दोपहिया वाहनों को नुक़सान पहुंचाया गया और आगज़नी की गई।
वक्फ के खिलाफ शनिवार को भी सैकड़ों लोग मुर्शिदाबाद की सड़कों पर उतर आए। उप्रदवी वक्त कानून वापस लिए जाने की मांग रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह भड़क गए और पथराव शुरू कर दिया। वाहनों को आग के हवाले किया। झड़प के दौरान अब तक तीन लोगों की मौत हो गई। दो लोगों की मौत शमशेरगंज में और एक की मौत मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में हुई। शमशेरगंज में पिता-पुत्र की मौत हेड इंजरी से हुई तो एक शख्स को घायल होने के बाद मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। वही, बीजेपी ने मांग की है कि राज्य में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाए।
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इन स्थानों पर शनिवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और उन स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं, जहां हिंसा हुई थी। एक अधिकारी ने कहा, सुती और शमशेरगंज इलाकों में गश्त जारी है। किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे।
हिंसा के बीच बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर वह स्थिति को संभालने में ’असक्षम’ है, तो उसे केंद्र से मदद मांगनी चाहिए। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगों के मद्देनजर, मैंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता के लिए राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। कोई अन्य विकल्प न होने पर, मैंने तत्काल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मेरी प्रार्थना स्वीकार कर ली गई है और जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की खंडपीठ मेरी ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने संवाददाताओं से कहा कि इस अधिनियम का पूरे देश में स्वागत किया गया और कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन पश्चिम बंगाल में आंदोलन के दौरान अनियंत्रित हिंसा हो रही है। उन्होंने हिंसा की कुछ तस्वीरें दिखाते हुए कहा, यह लक्षित हिंदू विरोधी हिंसा ममता बनर्जी द्वारा भड़काई जा रही है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। भंडारी ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने अपना समर्थन खो दिया है और वह एसएससी भर्ती परीक्षा में घोटाले के कारण नौकरी गंवाने वाले शैक्षणिक व गैर-शिक्षण कर्मचारियों के विरोध से ध्यान हटाने के लिए संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक विरोध को बढ़ावा दे रही हैं।