Nepal Gen-Z Revolution: सोशल मीडिया बैन के खिलाफ संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, 6 की मौत, 80 घायल

ChatGPT said: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की Gen-Z क्रांति ने हालात बिगाड़ दिए हैं। संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों में हिंसक झड़पें हुईं। अब तक 6 की मौत और 80 से अधिक घायल, काठमांडू में कर्फ्यू लगा।

Nepal Gen-Z Revolution: नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सोमवार को Gen-Z क्रांति अपने चरम पर पहुंच गई। हजारों की संख्या में युवा सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और संसद भवन में घुस गए। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 80 से अधिक लोग घायल हैं। काठमांडू प्रशासन ने स्थिति बिगड़ने के बाद चार जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और नेपाली सेना की तैनाती के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ भड़के इस आंदोलन की आग अब पोखरा, दमाक, इटहरी समेत कई शहरों में फैल चुकी है। नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है।

संसद भवन पर धावा, राजधानी में तनाव चरम पर

काठमांडू, Nepal के न्यू बानेश्वर इलाके में हजारों प्रदर्शनकारी मैतीघर मंडला से संसद भवन की ओर मार्च करते हुए गेट नंबर 2 तक पहुंच गए। बैरिकेड तोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में घुसकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि प्रदर्शनकारी आंसू गैस के गोले वापस पुलिस की ओर फेंक रहे हैं। संसद भवन के पास स्थित सरकारी इमारतों पर भी पथराव हुआ और प्रदर्शनकारियों ने गेट नंबर 2 के पास आगजनी की।

हिंसा, हताहत और गोलीबारी की घटनाएं

इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नेशनल ट्रॉमा सेंटर में 4 और सिविल हॉस्पिटल में 2 मौतों की पुष्टि हुई है। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पोखरा, दमाक और इटहरी में भी झड़पें हुईं, जहां गंडकी प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर पथराव किया गया। हालात बिगड़ते देख काठमांडू प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं।

कर्फ्यू, सेना की तैनाती और इंटरनेट सेवाएं बाधित

काठमांडू जिला प्रशासन ने न्यू बानेश्वर, सिंग्हा दुरबार, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास बालुवाटर समेत चार जिलों में रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस या प्रदर्शन पर सख्त प्रतिबंध है। नेपाली सेना की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं घंटों तक बाधित रहीं, हालांकि टिकटॉक पर इस प्रोटेस्ट की लाइव स्ट्रीमिंग जारी है।

सोशल मीडिया बैन से क्यों भड़की Gen-Z क्रांति

4 सितंबर को Nepal प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप, X (ट्विटर) और रेडिट सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था। Nepal सरकार का तर्क था कि इन कंपनियों ने Nepal में स्थानीय रजिस्ट्रेशन, टैक्स पेमेंट और डेटा कंट्रोल के नियमों का पालन नहीं किया। लेकिन युवाओं का कहना है कि यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। छोटे कारोबार, पढ़ाई और विदेशी नेपाली मजदूरों के संपर्क पर इस बैन का सीधा असर पड़ा है। टिकटॉक, वाइबर और कुछ अन्य प्लेटफॉर्म्स ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि बाकी कंपनियों ने अब तक सरकार की शर्तें नहीं मानी हैं।

बढ़ता जनाक्रोश और राजनीतिक भूचाल

काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने इस प्रोटेस्ट का खुलकर समर्थन किया है। विपक्षी पार्टियां इसे “तानाशाही का प्रतीक” बता रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी Nepal की स्थिति पर चिंता जताई जा रही है। भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार न केवल अभिव्यक्ति की आज़ादी छीन रही है, बल्कि भ्रष्टाचार भी छुपा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने जल्द कोई समाधान नहीं निकाला, तो यह आंदोलन विपक्षी दलों और राजतंत्र समर्थकों के लिए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है।

फेसबुक-यूट्यूब बैन पर नेपाल में सरकार के खिलाफ विद्रोह, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने की ताबड़तोड़ फायरिंग

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