लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल हो गई है। विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को सदस्यतासदस्यता बहाली का आदेश जारी कर दिया। अब्बास 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सीट से विधायक चुने गए थे। चुनाव जीतने के बाद अब्बास ने हेट स्पीच दी थी। पुलिस ने केस दर्ज कर अब्बास को जेल भेजा था। अब्बास को निचली अदालत ने सजा सुनाई थी।
दरअसल, अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। अब्बास अंसारी ने इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया और उन्हें राहत दे दी। इसके बाद आज विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी कर दिया।
इनसब के बीच गाजीपुर के सीजेएम कोर्ट में सोमवार को मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की पेशी हुई। अब्बास पर व्यापारी नेता अबू फखर खान से करोड़ों की जमीन जबरन हड़पने और धोखाधड़ी करने का इल्जाम है। इन सबके बीच अब्बास अंसारी के पेशी के दौरान के अंदाज की चर्चा हो रही है। दरअसल, सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी का अंदाज़ बिल्कुल अलग था। वह लंबे बाल, डिज़ाइनर चश्मा, रंगीन शर्ट और जींस पहनकर कोर्ट पहुंचे थे।
अब्बास ने कोर्ट में वहां मौजूद समर्थकों का अपने पिता मुख्तार अंसारी की तरह ही सलाम करके स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने अपनी मूंछों पर ताव भी दिया और यह चर्चा का विषय बन गया। मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर भी पिता की तरह मूंछ पर ताव देते हैं। जब मुख्तार का जानाजा कब्रिस्तान ले जाया जा रहा था तब उमर ने पिता की मूंछों पर ताव दिया था। फिर अपनी मूंछ पर भी हाथ फेरे थे। कुछ ऐसा ही अब्बास भी कोर्ट में करते दिखे।
गौरतलब है कि साल 2023 में व्यापारी नेता अबू फखर खान ने आरोप लगाया है कि जब मुख्तार अंसारी लखनऊ जेल में बंद थे, तब उनकी बीवी अफ्शा अंसारी, बेटा अब्बास अंसारी और रिश्तेदारों ने उन पर दबाव बनाकर जमीन अब्बास के नाम करा ली। अबू फखर का आरोप है कि मुख्तार ने जेल से धमकी दी थी कि घर में कोई चिराग नहीं बचेगा। बाद में दबाव डालकर उन्हें लखनऊ बुलाया गया और होम्योपैथिक कॉलेज के बगल की जमीन अब्बास अंसारी के नाम पर लिखवा दी गई।
अबू फखर खान का आरोप है कि जमीन की कीमत करोड़ों में थी, लेकिन रजिस्ट्री सिर्फ 25 लाख रुपये सर्किल रेट पर कराई गई। इसमें 20.50 लाख रुपये चेक और 4.50 लाख रुपये नकद दिए गए। अबू फखर ने यह मामला अगस्त 2023 में सदर कोतवाली में दर्ज कराया था। यह मामला 2012 का है। मऊ के विधायक अब्बास अंसारी, अनवर शहजादा, आतिफ उर्फ शरजील रज़ा और अफरोज को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। चारों आरोपियों पर धारा 346, 342, 420 और 120-बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज है।