BJP in Search of New Vice President and party president : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन दिनों नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारियों में जुटी थी, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने पार्टी की परेशानी को दोगुना कर दिया है। अब भाजपा को एक साथ दो अहम पदों के लिए चेहरे तलाशने हैं।राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति।
जातीय और राजनीतिक संतुलन की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भाजपा ऐसे व्यक्ति को तलाश रही है, जो राजनीतिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ जातीय समीकरणों में भी फिट बैठे। कहा जा रहा है कि उपराष्ट्रपति का पद अगर सवर्ण वर्ग को दिया जाता है, तो अध्यक्ष की जिम्मेदारी ओबीसी या दलित वर्ग से आने वाले किसी नेता को दी जा सकती है। इससे पार्टी सामाजिक संतुलन कायम रख सकेगी।
अगस्त के अंत तक हो सकता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
सूत्रों की मानें तो भाजपा अगस्त के अंत तक नए उपराष्ट्रपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाना चाहती है। वर्ष 2022 में जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया गया था, तो जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी दी गई थी। धनखड़ की छवि एक किसान पुत्र की रही है, जिससे जाट समुदाय को साधने की कोशिश की गई थी।
NDA की सहमति जरूरी
भाजपा भले ही उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करे, लेकिन नाम पर अंतिम निर्णय NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) के बाकी दलों से बातचीत के बाद ही होगा। वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर पार्टी और आरएसएस (संघ) के बीच सहमति बनना अभी बाकी है। बताया जा रहा है कि संघ एक मजबूत संगठनात्मक नेता चाहता है।
इन नेताओं के नाम चर्चा में
रिपोर्ट के अनुसार, दो केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान (शिक्षा मंत्री) और भूपेंद्र यादव (पर्यावरण मंत्री) के नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए आगे बढ़ाए गए हैं। हालांकि, संघ इन नामों पर पूरी तरह सहमत नहीं है। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी हस्तक्षेप से बातचीत आगे बढ़ सकती है और जल्द ही स्थिति साफ हो सकती है।
भाजपा अब एक साथ दो बड़े फैसलों के मुहाने पर खड़ी है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों ही पदों पर ऐसा चेहरा चाहिए जो संगठन, सामाजिक संतुलन और राजनीति तीनों में खरा उतरे।