सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश में अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टिया अपनी किस्मत अजमाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती इस बीच सभी दल अपना पलड़ा भारी करने के लिए हर कोशिश कर रही है, ऐसे में इसी बीच यूपी के सुल्तानपुर से एक खबर सामने आई है जिसमें कुछ नेता सपा का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थाम लिया है, जहाँ 4 बार के सुल्तानपुर से सपा से एम एल सी रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह ने आखिरकार सपा का दामन छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर सुल्तानपुर का सियासी समीकरण में सबकी गणना ही पलट दी,इससे पूर्व सुलतानपुर से सपा के उम्मीदवार रहे 2004 में लोकसभा चुनाव में मिली थी हार,लेकिन इसके बाद भी रहा एम एल सी की सीट पर कब्ज़ा नई सियासी पारी खेलने को तैयार एम एल सी शैलेंद्र प्रताप सिंह जिन्होंने सुल्तानपुर का सियासी समीकरण ही पलट दिया है !
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टीयाँ जहाँ एक तरफ लोक लुभावन वादे करके उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज़ होना चाहती हैं तो वही इस बार कई तरह से पार्टियों ने सर्वे करवाया और अपने गुणा गणित में लगी हुई हैं तो वही सूत्रों की माने तो भाजपा ने भी चुनावी समीकरण तैयार किया है और अपने इस गुणा गणित में भाजपा के जितने भी सिटींग MLA हैं तो भाजपा के इस सर्वे में जो सिटिंग MLA अपनी ही विधानसभा में अपना जनाधार खो चुके और जनता ने जिन्हें नकार दिया हैं तो इसको देखते हुए भाजपा ने लगभग उन सभी सिटिंग MLA का टिकट काट दिया है और उन लोगों की इंट्री भी शुरू कर दिया गया है जिनका जनाधार जनता के बीच में है इसी क्रम में जहाँ स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे नेता जो बसपा से भाजपा में पहुँचे, और फिर भाजपा से निकल कर सपा के हो गए,कुछ नेता को अपने पाले में करके जहां सपा उत्तर प्रदेश में साइकिल को फिर से दौड़ाना चाहती है तो वहीं सपा को भाजपा ने सुलतानपुर लोकसभा में चुनाव पूर्व ही चुनावी शिकस्त दे डाली है जी हम बात कर रहे हैं सुलतानपुर से चार बार के एम एल सी व सपा के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह को भाजपा में शामिल करके सुल्तानपुर का सियासी समीकरण पलट दिया है!
साथ ही अवगत कराते चले कि शैलेंद्र प्रताप सिंह को सपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किया जाता था,जहाँ वे अपने बेदाग़ छवि ईमानदार व्यक्तित्व और सरल स्वभाव की वजह से हमेशा से सबके आदर्श बने रहे, एम एल सी शैलेंद्र प्रताप सिंह की सादगी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के सीताकुंड स्थित दीवानी न्यायालय चौराहे के पास सादकी से जीवन जी रहे हैं एम एल सी शैलेंद्र प्रताप सिंह जहाँ उनका आवास है। अगर बात करे एम एल सी शैलेंद्र प्रताप सिंह के राजनैतिक सफरनामे का तो उनका सफरनामा ऐसा है कि 2010 से 2016 के बीच के कालखंड को अगर छोड़ दिया जाए तो 1990 से लगातार सुलतानपुर से एम एल सी प्रतिनिधि चुने जा रहे हैं। तो वही बसपा सरकार के दौरान 2010 में पर्यटन मंत्री रहे विनोद सिंह ने अपने भाई अशोक सिंह को एम एल सी बनवा कर उन्हें पराजित कर दिया था, लेकिन पुन: वह 2016 के चुनाव में सपा से चुनाव जीत गए थे। जबकि इसके पहले वर्ष 2004 में उन्होंने सपा के सिम्बल पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। जहाँ उन्हें बसपा से चुनाव लड़ रहे मोहम्मद ताहिर खान ने शिकस्त दिया था। जहाँ शैलेंद्र प्रताप सिंह को 1,59,754 वोट मिले थे। लेकिन अभी हाल ही में संपन्न हुए ब्लॉक प्रमुख चुनाव में दूबेपुर ब्लॉक प्रमुख की सीट एम एल सी शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहू शिल्पा सिंह के नाम हुई है।
वही बीते सालों पहले में शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा को लेकर बयान दिया था कि भाजपा शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। जिले में प्रतिदिन किसी न किसी की हत्या खुलेआम कर दी जा रही है। इस सरकार में न ही व्यापारी खुश है और न ही किसान खुश है। अब जब वो स्वयं भाजपा में शामिल होकर जहाँ उन्होंने सुल्तानपुर का सियासी समीकरण पलट दिया है ऐसा नहीं है कि शैलेंद्र प्रताप सिंह को सियासत में नया नाम जाना जाय, प्रतापगढ़ के कुंडा के राजा भैया से भी उनके सम्बन्ध बहुत ही घनिष्ठ हैं यदि राजा भैया की पार्टी और भाजपा में गठबंधन होगा तो उनका कद और बढ़ जाएगा,और सियासत के नए नए रास्ते खुल जाएंगे जिसको लेकर इनके समर्थको में ख़ुशी का माहौल है तो सपाइयों में एक तरह से मायूसी का मंजर देखा जा रहा है!