कानपुर। ACM कोर्ट (तृतीय) ने शनिवार को योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने एक चोरी के मामले में दोषी करार दिया है। सुनवाई के दौरान कैबिनेट मंत्री कोर्ट में थे लेकिन जज फैसला सुनाते उससे पहले वह कोर्ट परिसर छोड़कर चले गए। कोर्ट में चर्चा है कि मंत्री व उनके अधिवक्ता फैसले की कॉपी लेकर भाग गए हैं।
नेता राकेश सचान 35 साल पहले रेलवे में ठेकेदारी करते थे। उस दौरान उनके खिलाफ गिट्टी चोरी का गंभीर आरोप लगा था। उस मामले में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले का मुकदमा कानपुर कोर्ट में विचाराधीन था। शनिवार को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट में सुनवाई हुई। मंत्री सचान अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में पहुंचे। इस दौरान फैसले में दोषी करार दिए जाने की भनक लगते ही साक्ष्यों के साथ केस की फाइल अचानक गायब हो गई। मंत्री कोर्ट परिसर से अपने अधिवक्ता समेत बिना बताए ही निकल गए। मंत्री और उनके अधिवक्ता के अचानक कोर्ट से गायब होने पर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
कानपुर के किदवई नगर में कैबिनेट मंत्री का निवास
किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने छात्र राजनीति से शुरूआत की थी। समाजवादी पार्टी में सक्रिय राजनीति में आए। वह सपा के टिकट से 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और साल 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए। इस तरह वह सपा, बसपा, कांग्रेस और उसके बाद भाजपा के कानपुर देहात विधानसभा सीट से 2022 में विधायक चुने गए। वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री हैं। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के भी बेहद करीबी माने जाते थे।