कहते है खुशियों को नजर लगते वक्त नहीं लगती। हम में से हर कोई चाहता है वो अपने परिवार को दुनिया की नजरों से बचाए पर कहते है हम जो चाहें वो हमेशा हो ये जरुरी तो नहीं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से आया है। जहां एक खुशहाल परिवार की खुशियां महज चार दिन में मातम में बदल गयी। चार दिन पहले सुलतानपुर में हुए एक एक्सीडेंट में एक परिवार की खुशियां उजड़ गई। यह एक्सीडेंट तब हुआ जब शनिवार को परिवार की बेटी की शादी होनी थी। शुक्रवार को एक्सीडेंट में घायल बेटे की मौत हो गई वही इलाज के दौरान आज बहू भी मौत से जंग हार गई।
शादी से ठीक पहले बेटे की मौत
खबर सुल्तानपुर से हैं जहां हनुमान सिंह के घर को मानो किसी की नजर लग गई हों। हनुमान सिंह के घर में बेटी की शादी से ठीक पहले बेटे की मौत से मातम पसर गया। दूसरे दिन टूटे दिल से परिवार वालों ने बेटी को विदा किया ही था की आज बहू भी मौत से जंग हार गई। चार दिन में परिवार में दो मौत से परिवार को पूरी तरह तोड़कर रख दिया है।
स्वाती को रह-रह कर उठ रही टीस
बताते चलें कि शनिवार को बंधुआ कला के दादुपुर में हनुमान सिंह ने बेटी स्वाती की शादी की रस्मे महज अदा की। हर किसी के चेहरे पर गमों की लकीर साफ दिख रही थी। मंदिर में स्वाती की शादी की रस्में निभाईं गई थी। शादी की दुल्हन स्वाती को रह-रह कर इस बात की टीस उठ रही थी कि डोली उठाने वाले भाई की अर्थी तो एक दिन पहले ही घर से उठाई गई है। वो बोझ दिल से सुसराल लेकर पहुंची ही थी कि आज उसे भाई की पत्नी नेहा की मौत की मनहूस खबर सुनने को मिली।
पत्नी को लेकर डॉक्टर के पास आया था सत्य प्रकाश
आपको बता दें, हनुमान सिंह के बेटे सत्य प्रकाश का विवाह तीन वर्ष पूर्व नेहा सिंह के संग हुआ था। उनके घर में खुशियां आने वाली थी। सत्य प्रकाश की पत्नी सात माह के गर्भ से थी। बीते गुरुवार को सत्य प्रकाश पत्नी को लेकर शहर में डॉक्टर को दिखाने आया था। वापस लौटते समय अमहट चौराहे के पास तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दि। पति-पत्नी टक्कर से सड़क पर दूर जा गिरे और ट्रक चालक कई फिट तक बाइक घसीटता हुआ ले गया था। सत्य प्रकाश का जिला अस्पताल में इलाज चलता रहा जबकि पत्नी की हालत गंभीर देख डॉक्टर ने उसे लखनऊ रेफर किया था।
गर्भ में पल रहे शिशु की भी मौत
अस्पताल में इलाज के दौरान रात में सत्य प्रकाश की मौत हो गई थी। वहीं नेहा के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत भी हो गई। डॉक्टर द्वारा नेहा को लखनऊ रेफर कर दिया गया था जहां आज वो भी जिंदगी की जंग हार गई।