Kanpur Suicide: कानपुर के मीरपुर निवासी 28 वर्षीय दानिश खान ने शुक्रवार रात शिव नारायण टंडन सेतु के पास ट्रेन के सामने लेटकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह कदम उठाने से पहले उसने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने बेगमपुरवा चौकी इंचार्ज माजिद अहमद के साथ अपनी बहन अंजुम और जीजा सरताज अहमद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दानिश ने लिखा कि इन तीनों ने उसे झूठे मुकदमे में फंसाकर लगातार प्रताड़ित किया, जिससे वह तनावग्रस्त हो गया था। मामला सामने आने के बाद रेलबाजार थाने में परिजनों ने Kanpur पुलिस में तहरीर दी है। वहीं, डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार ने कहा कि सुसाइड नोट की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मामले की पृष्ठभूमि
दानिश के भाई लवी ने बताया कि दानिश अपने जीजा सरताज के साथ ट्रेडिंग का काम करता था, लेकिन दोनों के बीच कुछ समय से पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते सरताज ने पत्नी अंजुम के माध्यम से नौ सितंबर को बाबूपुरवा थाने में कोर्ट के आदेश पर दानिश और उनकी मां रईशा बेगम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 20 जुलाई को दानिश और उनकी मां ने अंजुम के घर से चार लाख रुपये और सोने के गहने चुराए।
Kanpur पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
लवी ने आरोप लगाया कि बेगमपुरवा चौकी इंचार्ज माजिद अहमद ने सरताज के साथ मिलकर दानिश को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। माजिद पर दानिश से एक लाख रुपये की मांग करने का भी आरोप है। माजिद ने कथित तौर पर दानिश को धमकी दी थी कि अगर वह पैसे नहीं देगा तो झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा। इन दबावों से तंग आकर दानिश ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया।
परिवार में गहरा शोक
दानिश के परिवार में मां रईशा बेगम, दो भाई लवी और फहीम, तथा दो बहनें नाजिया और अंजुम हैं। दानिश के पिता अब्दुल रफीक का पहले ही निधन हो चुका है, और दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। इस दुखद घटना से परिवार में शोक की लहर है। भाई लवी का कहना है कि दानिश ने सुसाइड नोट में तीनों के नाम लिखकर उन्हें प्रताड़ित करने की बात कही है।
डीसीपी श्रवण कुमार ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।