Uttar Pradesh Police Recruitment Exam Scam: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर परीक्षा के उत्तर कुंजी जारी की, लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर परीक्षा में धांधली की कहानी सामने आ गई है। पहले पेपर लीक की घटनाओं के बाद अब इस परीक्षा में 70 सवालों पर आपत्ति जताई गई है, जिनमें से 25 प्रश्नों को निरस्त किया गया है। इसके अलावा, 29 प्रश्नों के एक से अधिक सही विकल्प बताए गए हैं, जबकि 16 प्रश्नों के उत्तर के विकल्पों में बदलाव किया गया है। इतना ही नहीं, परीक्षा के उत्तर कुंजी की जानकारी पहले ही विभिन्न वेबसाइटों पर लीक हो चुकी थी, जिससे परीक्षा के निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। सही और गलत के मिलान के लिए छात्रों को अभी और इंतजार करना होगा।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा, जिसमें 45 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया, ने एक बार (UP Police) फिर से शिक्षा प्रणाली की गंभीर समस्याओं को उजागर किया है। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के लिए एक या दो नंबर का फर्क भी उनकी रैंकिंग को हजारों स्थान ऊपर-नीचे कर सकता है। अब सवाल उठता है कि इस तरह के गलत सवालों के कारण कई छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। इस स्थिति ने छात्रों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है, और कई अभिभावक भी इस पर असंतोष प्रकट कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि इतनी बड़ी परीक्षा में धांधली की घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय हैं, और इससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
पहले पेपर लीक और अब गलत सवाल-जवाब का गड़बड़झाला.
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने फाइनली ऑफिशियल ऑन्सर की जारी कर दी है.
– कुल 70 सवालों पर आपत्तियां हैं
– 25 प्रश्नों को निरस्त किया गया
– 29 प्रश्नों के एक से अधिक विकल्प सही
– 16 प्रश्नों के उत्तर विकल्प में बदलावइतना ही… pic.twitter.com/q6zNGQKaOn
— Gaurav Shyama Pandey (@Gauraw2297) November 2, 2024
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इस मामले में कोर्ट में जाने की संभावना जताई जा रही है। छात्रों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए, और अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे कानूनी कदम उठाने को मजबूर होंगे। यह स्थिति न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है। (UP Police) शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, छात्रों ने मांग की है कि इस परीक्षा के संचालन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस मामले में कैसे कार्रवाई की जाती है और क्या छात्रों को उनके हक मिल पाते हैं।