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लखनऊ में इमारत गिरने के पीछे की क्या है असली वजह, जानिये कितनी

लखनऊ में इमारत गिरने के पीछे की क्या है असली वजह, जानिये कितनी तीव्रता के भूकंप से गिरती है बिल्डिंग

कैसे ताश के पत्तों की तरह बिखर गया लखनऊ का अलाया अपार्टमेंट  

क्या है लखनऊ में ढही 4 मंजिला इमारत का रहस्य

क्या 5.8 की तीव्रता के भूंकप से गिर सकती है कोई इमारत

बिल्डिंग के गिरने का भूंकप कसूरवार या कोई और है इस घटना का जिम्मेदार?

मंगलवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में उस समय हाहाकार मच गया जब शहर के बीचोबीच 4 मंजिला इमारत इस तरह बिखर गयी जैसे आम जिंदगी में ताश पत्तें बिखर जाया करते है, यह भीषण हादसा उसी दिन हुआ जब राजधानी लखनऊ से महज़ 360 किलोमीटर दूर पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल 5.8 मापी गई और जिसके झटके दिल्ली लखनऊ समेंत पूरे उत्तर भारत में महसूस किये गए। भूंकप आने के तीन धंटे के भीतर ही लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट में ये भीषण हादसा हुआ, अब सवाल यही है कि क्या ये हादसा भूंकप की वजह से हुआ है या बिल्डिंग के गिरने के पीछे की कहानी कुछ और ही है।

क्या 5.8 की तीव्रता से गिर सकती है बिल्डिंग

मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे आये 5.8 की तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर दहशत फैला दी. बताया जा रहा है कि लखनऊ के हजरतगंज की 4 मंजिला इमारत भूकंप की वजह से ही गिरी है, जिसमें जान औप माल दोनों का बड़ा नुकसान हुआ है. आइये हम आपको बताते हैं कि कितनी तीव्रता के भूकंप में घर गिर सकता है.  

इस बात में कोई दोराय नही हैं कि भूकंप जब भी आता है तो अपने साथ डर,दहशत और तबाही लाता है. भूकंप के झटके चाहे धीरे हों या तेज लोग सबसे पहले अपने घर,दफ्तर से तुरंत बाहर की और भागना शुरू कर देते हैं. क्योंकि भूकंप आने पर सबसे पहले जिन दो चीज़ों की चिंता होती है,उनमें एक है भवन और दूसरी है इंसान की जान.

भूकंप की तीव्रता मापने वाले यंत्र की खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स एफ रिक्टर ने की थी इसलिए ही उनके नाम पर इस यंत्र को रिक्टर स्केल कहा जाता है. चार्ल्स एफ रिक्टर ने तरंगों के आधार पर भूकंप की तीव्रता को मामूली या खतरनाक के रूप में परिभाषित किया था।

3-4 की भूकंप तीव्रता

भू-वैज्ञानिकों के अनुसार जब 3 से 3.9 तक की तीव्रता से भूकंप जब आता है तो व्यक्ति को भूकंप का झटका महसूस होता है. इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि घर में पंखे हिलने लगते हैं. दरवाजे और खिड़कियों के पर्दे भी हिलते हैं. घर में अगर कोई पालतू जानवर है तो वह अजीबों गरीब हरकतें करने लगता है. लेकिन सिर्फ 3-4 के भूकंप से दीवारें नहीं हिलतीं.

4-5 की भूकंप तीव्रता

अगर भूकंप की तीव्रता 4 से 4.9 की है तो घरों की खिड़कियों के कांच टूट सकते हैं. मेज पर रखा गिलास फर्श पर गिर सकता है और सीलिंग फैन तेजी से हिलनें लगते हैं लेकिन इतनी भूकंप तीव्रता से भी घरों की दीवारों को कोई नुकसान नहीं होता लिहाजा वो जस की तस बनी रहती हैं।

5-6 की भूकंप तीव्रता

वैज्ञानिकों का कहना हैं कि 5 से 6 की तीव्रता वाले भूकंप से कच्चे घर को नुकसान हो सकता है. अगर दीवारें कमजोर बनी हों तो उसमें दरारें भी आ सकती हैं. भू-वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप के बाद ऐसे घरों को चेक करना चाहिये.

6-7 की भूकंप तीव्रता

रिक्टर स्केल पर अगर भूकंप की तीव्रता 6 से अधिक हो तो यह खतरनाक श्रेणी में आ जाता है. इससे घरों भवनों तथा बिल्डिंग की दीवारों के दरकने की सभांवना बढ़ जाती है इस अवस्था में.अगर मकान भूकंपरोधी नहीं है तो घर की दूसरी तीसरी मंजिल को नुकसान पहुंच सकता है.

7-8 की भूकंप तीव्रता

भू-वैज्ञानिकों की नजर में रिक्टर स्केल पर जब भूकंप तीव्रता 7 से अधिक होती है तो वह विनाशकारी हो जाता है.सुरक्षित घरों के लिए भी इतने तेज भूकंप खतरनाक हो जाते हैं. जाहिर है जब भूकंप की तीव्रता 8 से अधिक होगी तो वह विनाशलीला लेकर आयेगा. वह सूनामी की श्रेणी में आ जाता है.

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