
मैट्रिमोनियल साइट बना ठगी का अड्डा
दयाली उप्पल नामक यह शातिर ठग मैट्रिमोनियल साइट्स पर आर्मी अफसर के रूप में फर्जी प्रोफाइल बनाता था। वह खुद को मेजर अमित या मेजर जोसेफ बताकर महिलाओं को प्रेमजाल में फंसाता और फिर शादी या रिश्ते के नाम पर मोटी रकम ऐंठता। Varanasi की एक बैंक अफसर भी उसकी चालबाज़ियों का शिकार बनी, जिसने शादी के रजिस्ट्रेशन की बात की तो वह टालमटोल करने लगा। महिला को शक हुआ और जब जांच करवाई तो असलियत सामने आई। पुलिस को शिकायत मिलते ही उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी पहचान से तीन शादियां, 40 लाख की ठगी
दयाली ने पूछताछ में कबूल किया कि वह पिछले छह वर्षों से यह खेल खेल रहा था और आर्मी, एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस जैसे सुरक्षा एजेंसियों के नकली पहचान पत्र खुद ही इंटरनेट से फोटो निकालकर बना लेता था। अब तक वह 25 से ज्यादा महिलाओं से संपर्क में रहा और करीब 40 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने उसके पास से सेना की वर्दी, मेडल, नकली पिस्टल, फर्जी नेम प्लेट और दस्तावेज बरामद किए हैं। उसने तीन महिलाओं से फर्जी शादियां भी की थीं।
छह राज्यों में फैला था जाल
दयाली उप्पल ने बताया कि वह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की महिलाओं से संपर्क में रहा। उसका तरीका बेहद सुनियोजित था—पहले प्रेमजाल, फिर भरोसा और अंत में आर्थिक शोषण। जब शिकायतकर्ता बैंक अफसर काम पर होती, तो वह दूसरी महिलाओं से बातचीत करता और पैसे ऐंठने का सिलसिला जारी रखता। उसने यह भी बताया कि एक नकली पिस्तौल खरीदी ताकि उसके आर्मी अफसर होने पर कोई शक न करे।
जालसाजी के उपकरण जब्त, जांच जारी
Varanasi पुलिस ने आरोपी के पास से नकली पहचान पत्र छापने वाले प्रिंटिंग पेपर, कंप्यूटर सामग्री और मोबाइल डेटा भी जब्त किया है। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सरवनन थंगमणि ने बताया कि आरोपी के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और अन्य पीड़ित महिलाओं की तलाश भी की जा रही है। पुलिस साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से उसके बैंक ट्रांजेक्शन्स और कॉल रिकॉर्ड्स की भी जांच कर रही है, ताकि सभी पीड़ितों को न्याय मिल सके।