Digital Attendance पर चल रहे विवाद के बीच योगी सरकार का बड़ा फैसला, 2 महीनों के लिए टला आदेश

Digital Attendance

UP Digital Attendance: योगी सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर हो रहे विवाद के बीच एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 2 महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस (Digital Attendance) पर रोक लगा दी है। यह निर्णय मुख्य सचिव की शिक्षक संघ के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर कल ही संज्ञान लिया था। इस फैसले को प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।

2 महीने के लिए टला आदेश

आज शिक्षक संघ की मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी किए कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 2 महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी ने भी निर्देश दिए हैं कि एक कमेटी बनाकर समस्या का समाधान निकाला जाए और फिर कोई निर्णय लिया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश में सभी के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

CM योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर शिक्षकों से बात करें और टीचर यूनियनों से ज्ञापन लेकर सरकार को भेजें ताकि उनकी समस्याओं को समझा जा सके।

8 जुलाई को आया था आदेश

8 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी प्राथमिक शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। शिक्षकों ने अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि स्कूल दूर होने के कारण समय पर पहुंचने में दिक्कत होती है। उन्होंने यह भी बताया कि केवल 30 प्रतिशत स्कूलों तक जाने की सड़कें ठीक हैं और 60 प्रतिशत स्कूलों के लिए सरकारी परिवहन की व्यवस्था नहीं है, जिससे वे कई बार देर से पहुंचते हैं।

शिक्षकों ने उठाए कई बड़े सवाल

इसके अलावा, शिक्षकों की छुट्टियां कम हैं, उन्हें केवल 14 CL मिलती हैं जबकि अधिकारियों को 14 CL, 31 EL, और 12 दूसरे शनिवार की छुट्टियां मिलती हैं। स्कूलों की व्यवस्था भी अच्छी नहीं है, सफाई कर्मचारी नहीं होते, जिससे शिक्षकों को खुद सफाई करनी पड़ती है।

दिन भर बिजली नहीं रहती और नेटवर्क की समस्या भी रहती है, ऐसे में डिजिटल हाजिरी संभव नहीं है। शिक्षकों ने मांग की है कि पहले स्कूलों को बुनियादी सुविधाएं दी जाएं, फिर डिजिटल हाजिरी लागू की जाए।

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