नई दिल्लीः रूस और यूक्रेन का विवाद काफी दिन से चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसके चलते काफी देशों से उनके पक्ष के बारे में सवाल किये जा रहे हैं। कई देशों ने अपना पक्ष यूक्रेन के साथ बताया है और कई ने रूस का पक्ष लेने का दावा किया है, लेकिन इन दोनों के आलावा भी बहुत से देश ऐसे हैं जो की इस मसले पर किस भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर रहे। भारत भी इन्ही देशों में से एक है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक में भी भारत ने यह सुझाव दिया था की इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार कि परेशानियां है और ऐसे में इस युद्ध का होना कई देशो में नयी दिक्कतें पैदा कर देंगी। फ्रांस पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने वहां के एक अखबार से बातचीत के दौरान कहा कि, यूक्रेन और रूस के बीच गतिरोध की जड़ें सोवियत के बाद की सियासत में हैं। जयशंकर ने आगे यह भी कहा की यूक्रेन के मौजूदा हालात का कनेक्शन नाटो के विस्तार और यूरोपीय देशों के साथ रूस के बदलते संबंधों में भी है। यह मसला आज कल का नहीं बल्कि 30 साल पुराना है।
जयशंकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान QUAD का भी ज़िक्र करा ,QUAD यूनाइटेड स्टेट्स, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का एक गुट है। उन्होंने यह भी कहा QUAD का मकसद है की हम चारों देश आपसी सहमति से काम करने में सक्षम है। जयशंकर ने पिछले दिनों क्वाड को एशियाई नाटो बताने की निंदा की थी।
(उज्ज्वल चौधरी)