नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की तनातनी लगातार तेज़ होती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय में भी बमबारी हुई है। फिलहाल रूस कीव पर कब्जा करने में तो कामयाब नहीं हो पाया है लेकिन रूस के आक्रमण के स्तर में धीरे धीरे वृद्धि हो रही है, यूक्रेन में कई इमारते खंडर में बदल गईं हैं। इस मामले को लेकर अमेरिका के भी तेवर काफी सख़्त दिख रहें हैं। अमेरिका के मुताबिक रूस अपने घटिया मंसूबों में बिलकुल भी कामयाब नहीं हो पाएगा। अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन का एयरस्पेस अभी भी सुचारु ढंग से काम कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक सदस्य ने भी एक बयान दिया और कहा कि रूस पिछले कुछ दिनों से कीव पर कब्जा करने की जदोजहद कर रहा है , लेकिन उसके मंसूबों पर अंतर्राष्ट्रीय देशों का दबाव पूरी तरह से पानी फेरता दिखाई दे रहा है। उन्होंने ये भी बताया युद्ध कि इस आपाधापी में रूस के पास खनिजों की कमी लगातार बढ़ रही है जो कि रूस के लिए चिंता का विषय है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी इस युद्ध में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा दी है। जब उन्होंने नाटो के साथ एक अहम बैठक की जिससे रूसी खेमे में हड़कंप सा मच गया है। सूत्रों के मुताबिक अमेरिका सीधे तौर पर यूक्रेन के साथ उतर आया है और यूक्रेन को हथियार उपलब्ध करा रहा है
खास बात ये भी रही कि इस मुलाकात के अलावा एंटनी यूक्रेन बॉर्डर पर फंसे शरणार्थियों से मिलकर उनका हाल चाल भी जान रहें हैं।
इस युद्ध से यूक्रेन रूस समेत पूरे यूरोपीय संघ पर बहुत बुरा असर पड़ा है क्योंकि ऊर्जा से जुड़े संसाधनों के दामों में जमीन आसमान का फर्क आया है
(निशांत दीक्षित)