नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। डॉक्टर्स को ‘धरती का भगवान’ कहा जाता है। ये ही वह अनमोल रत्न है, जो इंसानों की जान बचाते हैं। कुछ ऐसा ही बड़ा चमत्कार दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने किया है। उन्होंने कैंसर पीड़ित एक महिला का सफल ऑपरेशन कर शरीर से करीब 10 किलो का ट्यूमर निकाल कर उसकी जान बचा ली। ये अब तक की सबसे हार्ड सर्जरी मानी जा रही है। सोशल मीडिया पर जैसे ही ये खबर वायरल हुई तो यूजर्स कमेंट लिखने के साथ उसे शेयर भी कर रहे हैं।
कैंसर से पीड़ित थी महिला
दरअसल, दिल्ली के एम्स में एक महिला ओवरी के ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर से ग्रसित थी। महिला कई सालों से इस बीमारी से जूझ रही थी। डॉक्टर्स ने 2011 में महिला के कैंसर का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद महिला 5 साल की ठीक रही। 2017 में अचानक महिला के शरीर में फिर ट्यूमर फैलने लगा था। मरीज ने डॉक्टर्स को दिखाया। इलाज के बाद महिला को आराम मिल गया। पर डॉक्टर्स के बताए नियम को ठीक से फॉलोअप नहीं करने से उसकी हालत बिगड़ गई। स्थानीय डॉक्टर्स से महिला अपना इलाज करवाया पर आराम नहीं मिला।
शरीर के दूसरे पार्ट में पहुंच गया था कैंसर
थक-हार कर महिला 3 साल बाद फिर इलाज के लिए एम्स आई। डॉक्टर्स ने जांच की तो पता चला कि उसका ट्यूमर काफी फैल चुका था और ओवरी के आसपास करीब 10 किलो का ट्यूमर था। डॉक्टरों ने जब सीटी स्कैन किया तो पता चला कि ट्यूमर किडनी, आंत और लिवर तक पहुंच गया था। इस वजह से उसकी हालत गंभीर हो रही थी। ऐसे में डॉक्टरों ने महिला की जान बचाने के लिए सर्जरी करने का फैसला किया। डॉक्टर्स ने महिला के परिवारवाजों से बात की और ऑपरेशन की सलाह दी।
10 घंटे तक चला ऑपरेशन
महिला का ट्यूमर काफी बड़ा था और इसकी सर्जरी में जोखिम भी था, लेकिन डॉक्टरों ने करीब 10 घंटे तक इस सर्जरी को किया और महिला के शरीर से 9.8 किलो का ट्यूमर निकाला। इस दौरान महिला के शरीर से करीब 1.5 लीटर खून भी निकला। ट्यूमर की वजह से गर्भाशय और आंतों के आसपास का काफी हिस्सा सड़ गया था। चूंकि महिला को कैंसर था तो ऐसे में सर्जरी करना जरूरी थी। इस सर्जरी को एम्स के विशेषज्ञ सर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टरों ने किया है। इसमें एम्स के कैंसर विभाग और सर्जरी विभाग के कई डॉक्टर शामिल रहे।
कुछ इस तरह से बोले डॉक्टर कपूर
एम्स नई दिल्ली में कैंसर विभाग के डॉक्टर रोहण कपूर ने मीडिया को बताया कि एक्सपर्ट सर्जन और डॉक्टरों की मदद से इतना बड़ा ट्यूमर भी शरीर से निकाला जा सकता है। इस केस में सर्जरी करना काफी जरूरी था। ऑपरेशन न करने से महिला की जान को जोखिम था। अब सर्जरी के बाद महिला का जीवनकाल बढ़ने की संभावना है और अब वह खतरे से बाहर है और अच्छी रिकवरी कर रही है। डॉ रोहण ने कहा कि कैंसर के मामलों में सही समय पर इलाज जरूरी है। नहीं तो मरीज की जान को जोखिम रहता है।