Bajaj Auto: भारतीय ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड को शुक्रवार सुबह एक बड़ा झटका लगा, जब उसके गैर-कार्यकारी निदेशक मधुर बजाज का निधन हो गया। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी हालत और बिगड़ गई। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
IIMUN ने जताया गहरा शोक
मधुर बजाज के निधन से सिर्फ बजाज ग्रुप ही नहीं, बल्कि देश के कई औद्योगिक और शैक्षिक संस्थानों में भी दुख की लहर है। इंडिया इंटरनेशनल मॉडल यूनाइटेड नेशंस (IIMUN) ने उनके जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “हम अपने प्रिय सलाहकार श्री मधुर बजाज को खोकर बेहद दुखी हैं। उनकी सादगी, समझदारी और शांत स्वभाव ने हर किसी को प्रभावित किया।” IIMUN ने यह भी बताया कि मधुर बजाज 2017 से उनके सलाहकार बोर्ड का हिस्सा थे और उन्होंने युवाओं को उद्देश्य और ईमानदारी के साथ सही दिशा दिखाने का काम किया।
जनवरी 2024 में छोड़ा था उपाध्यक्ष पद
स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से मधुर बजाज ने जनवरी 2024 में बजाज ऑटो के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, वे बजाज फिनसर्व, बजाज इलेक्ट्रिकल्स और बजाज समूह की अन्य कई कंपनियों में निदेशक के रूप में काम कर रहे थे।
शिक्षा और उपलब्धियों से भरा रहा जीवन
मधुर बजाज का जन्म 19 अगस्त 1952 को हुआ था। उन्होंने देहरादून के मशहूर दून स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और फिर मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से 1973 में बी.कॉम किया। इसके बाद 1979 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के लॉज़ेन स्थित IMD से एमबीए की डिग्री हासिल की।
उन्हें इंटरनेशनल फ्रेंडशिप सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ‘विकास रत्न’ अवॉर्ड से नवाजा गया था। इसके अलावा वे SIAM और MCCIA के अध्यक्ष भी रह चुके थे और CII की राष्ट्रीय परिषद में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।
उद्योग जगत को बड़ा नुकसान
मधुर बजाज के निधन से इंडस्ट्री को एक ऐसे अनुभवी, दूरदर्शी और सरल स्वभाव वाले नेता की कमी खलेगी, जो न केवल बिजनेस की समझ रखते थे बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाते थे।