Barabanki new township: उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट और आवास विकास के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया गया है। बाराबंकी जिले के नवाबगंज तहसील स्थित खजूरगांव और तिंदोला गांव में 158.79 एकड़ में एक नई प्राइवेट इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जाएगी। शालीमार लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना को उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। परिषद की बोर्ड मीटिंग में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को परीक्षण के लिए हरी झंडी दिखाते हुए यह तय किया गया कि कुल भूमि का 10 फीसदी हिस्सा परिषद के पास बंधक रखा जाएगा। यह फैसला सुशांत गोल्फ सिटी में निवेशकों के साथ हुई ठगी के मद्देनज़र लिया गया है, ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों से बचा जा सके।
शालीमार की टाउनशिप को हरी झंडी
लखनऊ में आवास विकास परिषद की बोर्ड मीटिंग के दौरान हुई समीक्षा में शालीमार लिमिटेड की Barabanki टाउनशिप परियोजना के डीपीआर को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। यह टाउनशिप उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 के तहत विकसित की जाएगी और इसके लिए अधिनियम-1965 की धारा-28 के अंतर्गत लाइसेंस जारी किया जाएगा। टाउनशिप देवा रोड के पास विकसित की जाएगी, जो राजधानी लखनऊ से सटी हुई है। परिषद ने एपीआई अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी में निवेशकों के साथ हुई 1000 करोड़ की ठगी से सबक लेते हुए 10% भूमि बंधक रखने का निर्देश दिया है, ताकि परियोजना की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वसुंधरा योजना और भू-उपयोग परिवर्तन को मंजूरी
बैठक में गाजियाबाद स्थित वसुंधरा योजना के तहत भू-उपयोग परिवर्तन को भी स्वीकृति दी गई। इसमें अनावासीय संपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट बनाने के लिए कदम उठाए गए। शासनादेश और नगर योजना अधिनियम की धारा-13 के अंतर्गत यह प्रक्रिया संचालित होगी। हालांकि, हेल्थ सेंटर के लिए आरक्षित भूमि से संबंधित प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत निरस्त आवंटनों की समय सीमा को 1 महीने से बढ़ाकर 1 साल कर दिया गया।
स्कूल भूखंड और कर्मचारियों के हित में फैसले
Barabanki परिषद की योजनाओं में मौजूद स्कूल भूखंडों की ई-नीलामी प्रक्रिया के लिए नए नियम बनाने की दिशा में भी निर्णय हुआ। पूर्व नियमों के विश्लेषण के बाद एक समेकित प्रस्ताव दोबारा प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे नीलामी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो सकेगी। वहीं, परिषद कर्मचारियों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए राहत की खबर है। 1 जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता/राहत की दर को 55% करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के आर्थिक बोझ को कम करने में सहायक होगी।